इंटरनेट बैंकिंग : सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
शहर में आए दिन ऑनलाइन ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं। कल ही हैकर्स ने शहर के एक कारोबारी के खाते से 1.18 करोड़ रुपये साफ कर दिए। इंटरनेट बैंकिंग करते वक्त हमें बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
मेरठ। आज के डिजिटल युग में हर कोई लंबी लाइन से छुटकारा पाने के लिए नेट और मोबाइल बैंकिंग का सहारा ले रहा है, लेकिन इससे पहले अपने खाते को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहना होगा। सुविधाओं के साथ-साथ कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे आपके खाते को हैकर्स निशाना बना रहे हैं।
सुरक्षित इंटरनेट बैंकिंग के लिए यह करें
- इंटरनेट बैंकिंग को सुरक्षित तरीके से करने के लिए थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
-साइबर कैफे या सार्वजनिक स्थानों पर लगे कंप्यूटर पर बैंक खाते को लॉग इन करने से बचें।
- कंप्यूटर और मोबाइल से कैश फाइल और हिस्ट्री, टेंपरेरी फाइल डिलीट करना न भूलें।
- बैंक कभी भी इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी जानकारी नहीं पूछता। इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
- ऐसी वेबसाइट के लिए इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करें जिसके यूआरएल में 'एचटीटीपीएस' लिखा हो। 'एचटीटीपी' वाले यूआरएल पर ट्रांजेक्शन न करें।
- कंप्यूटर पर इंटरनेट बैंकिंग उपयोग करते समय हमेशा लाइसेंस वाले एंटी वायरस का उपयोग करें।
- इंटरनेट बैंकिंग करते समय ब्राउजर के एड्रेस बार में जाकर ही अपने बैंक का एड्रेस टाइप करें। मैसेज से आने वाले यूआरएल पर कभी भी क्लिक न करें। ऐसे हैकर्स वेबसाइट को डिजाइन कर लेते हैं।
इंटरनेट बैंकिंग के खतरे
-इसमें सबसे बड़ा खतरा आपकी आइडेंटिटी चोरी होने का होता है। धोखाधड़ी करने वाले लोग आपके बैंकिंग डिटेल चोरी करते हैं।
-किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। आपको मोबाइल और कंप्यूटर पर रोजाना ऐसे कई लिंक आते हैं।
-मोबाइल या कंप्यूटर पर ऐसे कई प्रोग्राम अपलोड हो जाते हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
-इंटरनेट बैंकिंग यूजर्स के लिए कई तरह के ऑफर्स आते हैं। इनकी जांच-पड़ताल के बाद ही इनका उपयोग करें।
लीड बैंक मैनेजर अविनाश तांती ने बताया कि इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा से कार्य आसान हो जाते हैं, लेकिन इसमें सावधानी रखना जरूरी है। आजकल कई शॉपिंग वेबसाइट आ गई हैं। यहां इंटरनेट बैंकिंग करने के लिए सावधानी रखनी होगी। वहीं, ओटीपी सहित अन्य गोपनीय दस्तावेज शेयर नहीं करने चाहिए। कभी भी बैंक अपने खाताधारकों को ओटीपी के लिए फोन नहीं करता।
एसबीआइ एजीएम संजय सिंह ने बताया कि इंटरनेट बैंकिंग में पासवर्ड बदलते रहें। जब भी इंटरनेट बैंकिंग करें तो एक मैसेज आता है, उसे जरूर देखें। वहीं, किसी से भी अपनी गोपनीय जानकारी बिल्कुल भी शेयर न करें। अपने खाते का इस्तेमाल खुद करें।