45 गांवों के किसानों से पराली न जलाने की होगीे अपील
विकास खंड दौराला ब्लाक के कार्य क्षेत्र में आने वाले 45 ग्राम पंचायतों के प्रधानों संग प्रत्येक गांव में बीडीओ बैठकों का आयोजन दो से तीन दिन में शुरू करेंगे। बैठक में किसानों को पराली न जलाने की अपील करेंगे। पराली जलाने पर होने वाले नुकसान की भी जानकारी दी जाएगी।
मेरठ, जेएनएन। विकास खंड दौराला ब्लाक के कार्य क्षेत्र में आने वाले 45 ग्राम पंचायतों के प्रधानों संग प्रत्येक गांव में बीडीओ बैठकों का आयोजन दो से तीन दिन में शुरू करेंगे। बैठक में किसानों को पराली न जलाने की अपील करेंगे। पराली जलाने पर होने वाले नुकसान की भी जानकारी दी जाएगी।
दरअसल, डीएम के निर्देश पर एसडीएम सरधना ने कई ब्लाक के बीडीओ और अन्य विभागों के अधिकारियों संग बैठक कर पराली को लेकर सख्ती से ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद विकास खण्ड दौराला के बीडीओ डा. साजिद अहमद ने बताया कि वह दो से तीन दिन में अधिकारियों की टीमें बनाकर क्षेत्र के 45 गांवों में प्रधान और किसानों संग बैठक करेंगे। बैठक में किसानों को बताया जाएगा कि वह पराली को जलाने की बजाए उसे उपयोगी बना सकते हैं। किसानों पराली न जलाने को लेकर जागरूक करने के लिए पंपलेट भी सौंपे जाएंगे। पराली जलती है तो दूर तक प्रदूषण तो फैलेगा, साथ ही संबंधित गांव और उसके आसपास के गांव में भी धुआ और हवा में उड़ने वाले काले कणों से ग्रामीणों का रहना दूभर हो जाएगा। पराली से बना सकते हैं जैविक खाद
बीडीओ ने बताया कि पराली जलाने की बजाए उससे जैविक खाद बहुत बेहतर तरीके से बना सकते हैं। पराली को मशीन से काटकर उसमें गोबर मिला दिया जाए। उसके बाद गोबर मिक्स पराली को एक गड्ढे में दबा दें। करीब एक सप्ताह तक दो से तीन बार मिक्स पराली को उलट-पलट करना चाहिए। उसके बाद जैविक खाद तैयार हो जाएगी और आसानी से अपने खेतों में फैला सकते हैं।
--पराली से पशुओं को भी होगा चारा तैयार
पराली को मशीनों से छोटा काटकर उसमें खल, चूरी और का खोल मिलाकर दुधारू पशुओं को खिलाना चाहिए। इस चारे से दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा बढ़ने और उसका बेहत स्वाद भी मिलेगा।