कुंभ की तैयारी: काली नदी पर होगा पहरा, उद्योगों पर लगी पाबंदी
प्रयागराज में लग रहे कुंभ के दौरान गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पश्चिम के नालों और उद्योगों पर कड़ी नजर रहेगी। शुक्रवार को गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी को कुंभ के लिए प्रदूषण मुक्त करने पर मंथन हुआ। तमाम विभागों को इस संबंध में आदेश-निर्देश जारी किए गए। साथ ही नदी में गिरने वाले नालों के पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई के लिए करने पर भी जोर रहा।
By Edited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 03:00 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। प्रयागराज में लग रहे कुंभ के दौरान गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पश्चिम के नालों और उद्योगों पर कड़ी नजर रहेगी। शुक्रवार को गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी को कुंभ के लिए प्रदूषण मुक्त करने पर मंथन हुआ। तमाम विभागों को इस संबंध में आदेश-निर्देश जारी किए गए। साथ ही नदी में गिरने वाले नालों के पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई के लिए करने पर भी जोर रहा।
कार्ययोजना तैयार
कुंभ के दौरान गंगा को निर्मल और पवित्र बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर किनारे के जनपदों को विशेष रूप से निर्देशित किया है। शुक्रवार को कार्ययोजना को लागू कराने के लिए तमाम विभागों की बैठक बचत भवन में हुई। बैठक में सीडीओ आर्यका अखौरी ने कहा कि गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी को प्रदूषण से मुक्त करने पर अधिक जोर होगा। इसके लिए निगम और निकाय के नदी में गिरने वाले नालों के पानी को खेतों की सिंचाई के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से निकाय और नगर निगम के अधिकारियों को योजना तैयार करनी होगी। ऐसे ही नदी किनारे चल रहे उद्योगों का प्रदूषित पानी भी नदी में कुंभ के दौरान गिराने पर पूर्ण पाबंदी होगी।
गंगा में न जाए उद्योगों का पानी
एडीएम सिटी मुकेश चंद्र ने बताया कि उद्योगों का पानी गंगा में जाने से रोकने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया गया है। जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग की संयुक्त रूप से टीम गठित की गई है जो हर सप्ताह तमाम उद्योगों की जांच करेगी और प्रदूषित पानी नदी में जाने पर उद्योग बंदी के साथ जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आरके त्यागी ने बताया कि इसके लिए सभी उद्योग संचालकों को निर्देशित किया जा चुका है। साथ ही सिंचाई विभाग, नगर निगम, निकाय, जल निगम आदि को भी निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
कार्ययोजना तैयार
कुंभ के दौरान गंगा को निर्मल और पवित्र बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर किनारे के जनपदों को विशेष रूप से निर्देशित किया है। शुक्रवार को कार्ययोजना को लागू कराने के लिए तमाम विभागों की बैठक बचत भवन में हुई। बैठक में सीडीओ आर्यका अखौरी ने कहा कि गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी को प्रदूषण से मुक्त करने पर अधिक जोर होगा। इसके लिए निगम और निकाय के नदी में गिरने वाले नालों के पानी को खेतों की सिंचाई के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से निकाय और नगर निगम के अधिकारियों को योजना तैयार करनी होगी। ऐसे ही नदी किनारे चल रहे उद्योगों का प्रदूषित पानी भी नदी में कुंभ के दौरान गिराने पर पूर्ण पाबंदी होगी।
गंगा में न जाए उद्योगों का पानी
एडीएम सिटी मुकेश चंद्र ने बताया कि उद्योगों का पानी गंगा में जाने से रोकने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया गया है। जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग की संयुक्त रूप से टीम गठित की गई है जो हर सप्ताह तमाम उद्योगों की जांच करेगी और प्रदूषित पानी नदी में जाने पर उद्योग बंदी के साथ जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आरके त्यागी ने बताया कि इसके लिए सभी उद्योग संचालकों को निर्देशित किया जा चुका है। साथ ही सिंचाई विभाग, नगर निगम, निकाय, जल निगम आदि को भी निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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