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फौजी श्वान इग्जी और डिबा के हुनर पर फिदा हुए बांग्लादेश के सैनिक Meerut News

मेघालय के उमरोई में संपन्न हुआ भारत-बांग्लादेश संयुक्त सैन्य अभ्यास आरवीसी सेंटर में जन्मे और प्रशिक्षित फौजी श्वान शामिल हुए।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 11:52 AM (IST)
फौजी श्वान इग्जी और डिबा के हुनर पर फिदा हुए बांग्लादेश के सैनिक Meerut News
फौजी श्वान इग्जी और डिबा के हुनर पर फिदा हुए बांग्लादेश के सैनिक Meerut News

मेरठ, [अमित तिवारी]। मेघालय के उमरोई में हुए भारत-बांग्लादेश संयुक्त सैन्य अभ्यास में फौजी श्वानों ने भी अपने बेहतरीन कौशल का प्रदर्शन किया। रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज में जन्मे और प्रशिक्षित हुए फौजी श्वान इग्जी और डिबा ने सैनिकों के साथ हर कदम पर आगे बढ़ते हुए संयुक्त अभ्यास के ऑपरेशनों को अंजाम दिया। इस सैन्य अभ्यास में भारत की ओर से बांग्लादेश को तोहफे में दिए गए फौजी श्वानों ने भी हिस्सा लिया। बांग्लादेशी सैनिकों ने भी फौजी श्वानों के साथ अपने बेहतरीन तालमेल और सटीक ऑपरेशन का प्रदर्शन किया।

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समझी एक-दूसरे की तकनीक

तीन से 16 फरवरी तक आयोजित नौवें सम्प्रीति सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे के सामरिक अभ्यास और तकनीक को समझा। उग्रवाद रोधी और आतंकवाद रोधी अभियानों के अनुभवों को भी साझा किया। दोनों देशों के बीच आपसी समझ बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने के लिए यह अभ्यास किया गया। मेरठ छावनी में जन्मे एक्सप्लोसिव डिटेक्टर फौजी श्वानों ने बारूद को पहचानने का प्रदर्शन किया।

पड़ोसी देशों संग रिश्ता मजबूत कर रहे फौजी श्वान

भारतीय उपमहाद्वीप में भारतीय सेना के पास ही फौजी श्वानों की ब्रीडिंग और ट्रेनिंग का बेहतरीन सेंटर है। यहां बांग्लादेश, श्रीलंका, कंबोडिया, म्यांमार आदि के सैनिकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके साथ ही भारत सरकार पड़ोसी देशों की मदद के लिए फौजी श्वान भी मुहैया करा रही है। जनवरी 2019 में बांग्लादेश के सैनिकों की ट्रेनिंग आरवीसी सेंटर में हुई थी। उस ट्रेनिंग में उन्हें फौजी श्वानों के साथ रहना, खाना, पीना, सोना, ट्रेनिंग करना और ऑपरेशन को अंजाम देना सिखाया गया। ट्रेनिंग के बाद बांग्लादेश को 10 फौजी श्वान दिए गए। बांग्लादेश के पहले म्यांमार और कंबोडिया को भी फौजी श्वान प्रदान किए जा चुके हैं। बांग्लादेश को इससे पहले साल 2008 में आरवीसी के घोड़े भी प्रदान किए गए थे।

तैयार होते हैं विभिन्न गुणों वाले फौजी श्वान

आरवीसी श्वानों को अलग-अलग गुणों में पारंगत बनाता है। इनमें ट्रैकर (टीआर) डॉग, गार्ड डॉग, माइन डिटेक्शन (एमडी) डॉग, एक्सप्लोसिव डिटेक्शन (ईडी) डॉग, इंफैंट्री पैट्रोल (आइपी) डॉग, एवलांच रिस्क्यू ऑपरेशन (एआरओ) डॉग, असॉल्ट डॉग और सर्च एंड रेस्क्यू (एसएआर) डॉग आदि गुणवत्ता के अनुरूप ही कार्य में विशेषज्ञता रखते हैं। इनमें जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, मुधोल हाउंड हैं। अब इंग्लिश मेलिनोस और बेल्जियम शेफर्ड प्रजातियों की ब्री¨डग भी शुरू हो चुकी है।


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