इन्हें बचाने के लिए अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में टूरिस्टों की आवाजाही पर रोक Bijnor News
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में चोरी-छिपे पहुंच रहे टूरिस्टों की धरपकड़ को गश्त तेज। जंगली जानवरों के कोरोना से बचाव में जुटा महकमा।
बिजनौर, जेएनएन। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व एवं जिम कार्बेट पार्क में बाघ, गुलदार और हाथियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टूरिस्टों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। इसके बावजूद कुछ टूरिस्ट चोरी-छिपे जंगल में पहुंच जाते हैं। ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए अब अमानगढ़ और जिम कार्बेट पार्क प्रशासन की एक दर्जन से अधिक टीमें जंगल में गश्त कर रही हैं। पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क की सीमा सटी हुई हैं। घना जंगल होने की वजह से यहां जंगली जानवर स्वछंद विचरण करते हैं। जिम कार्बेट पार्क प्रशासन के अनुसार इस साल हुई पशु गणना में पार्क में 221 बाघ और 1213 हाथी हैं। वहीं अमानगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे एलीफेंट जोन से निकलकर हाथी भी इस रेंज में दूर तक विचरण करते हैं। इस जंगल में बाघ और गुलदार भी हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वन विभाग ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और जिम कार्बेट पार्क में टूरिस्टों की आवाजाही पर रोक लगी है। कुछ टूरिस्ट चोरी-छिपे घने जंगलों में प्रकृति की छटा को निहारने पहुंच जाते हैं। जंगल में टूरिस्टों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क की सीमा पर संयुक्त गश्त तेज कर दी, ताकि एक भी टूरिस्ट जंगल में प्रवेश न कर सकें। इसके बावजूद यदि कोई टूरिस्ट जंगल में प्रवेश करेगा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के रेंजर आरके शर्मा ने बताया कि जंगली पशुओं में संक्रमण से बचाव को टूरिस्टों की आवाजाही पर पूूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उधर, डीएफओ डा. एम. सेम्मारन का कहना है कि अमानगढ़ और जिम कार्बेट पार्क की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं, ताकि बेवजह घूम रहे लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके।