मेरठ के युवा शरीर पर बनवा रहे 'बाहुबली'
भगवान शिव और विभिन्न कलाकृतियों के बाद अब फिल्म 'बाहुबली' का टैटू उनकी खास पसंद में शुमार हुआ है।
मेरठ (जागरण संवाददाता)। टैटू न सिर्फ दूसरों को आकर्षित करने का माध्यम हैं बल्कि भावनाओं को जाहिर करने का बेहतरीन जरिया भी। युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा टैटू का क्रेज इस दीवानगी की साफ तस्दीक है। भगवान शिव और विभिन्न कलाकृतियों के बाद अब फिल्म 'बाहुबली' का टैटू उनकी खास पसंद में शुमार हुआ है।
इस फेहरिस्त में सबसे ऊपर पहुंचे हैं थ्रीडी तकनीक के टैटू। बेशक, शौक थोड़ा महंगा है लेकिन शौक के आगे भला पैसों की क्या बिसात। यूं तो टैटू बनाने की कला और शौक प्राचीन काल से ही चले आ रहे हैं लेकिन समय के साथ इनका स्वरूप बदलता रहा। कभी स्थायी टैटू चलन में रहे तो कभी इनकी जगह अस्थायी टैटू ने ले ली।
युवाओं में टैटू के बढ़ते क्रेज को देखकर शहर के आर्टिस्ट नई थ्रीडी तकनीक से टैटू बना रहे हैं। इस तकनीक के जरिये बने टैटू आकर्षक होने के साथ बनवाने के कुछ समय बाद ही उभरने लगते हैं। हालांकि, सामान्य टैटू की अपेक्षा इन्हें बनवाना थोड़ा मंहगा है, लेकिन इसके बावजूद इनका खासा क्रेज है।
गंगा प्लाजा स्थित क्लासिकल टैटू स्टूडियों के संचालक जावेद बताते हैं कि टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ रहा है। युवा नए-नए डिजाइन की मांग करते हैं। इस बार 'बाहुबली' फिल्म के नायक, शिव, त्रिशूल और अन्य किरदारों के टैटू चलन में है। 'बाहुबली' को रिलीज हुए अभी दो सप्ताह बीते हैं। फिल्म देखने के बाद युवाओं का इसके नायक के टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ गया। पिछले साल फिल्म 'शिवाय' की रिलीज के समय भी शिव के खूब टैटू बनवाए गए थे।
न्यूनतम दर 500 प्रति इंच: मांग बढ़ने के साथ टैटू बनवाने का खर्च भी बढ़ रहा है। कुछ समय पहले टैटू बनवाने का खर्च 300 रुपये प्रति इंच था, जो अब बढ़कर 500 रुपये प्रति इंच हो चुका है। सामान्य आकार का टैटू बनवाने में दो से ढाई हजार रुपये खर्च आता है। शहर में टैटू की बढ़ती मांग को देखते हुए शॉप्रिक्स मॉल, सेंट्रल मार्किट, आबूलेन और बेगमबाग में कई टैटू शॉप खुल गई है।
भावना जाहिर करने का भी जरिया: युवाओं के साथ-साथ कामकाजी लोगों में भी टैटू का क्रेज है। युवा बड़े और नए डिजाइन के टैटू पसंद करते हैं तो कामकाजी लोग छोटे और आकर्षक डिजाइन बनवा रहे हैं। आकर्षण के साथ-साथ लोग टैटू को भावनाएं जाहिर करने का भी तरीका मानते हैं।
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माता-पिता के नाम गुदवाने का भी शौक: फिल्मों में लोकप्रिय किरदारों के साथ युवा अपने माता-पिता के नाम भी अपने शरीर पर गुदवाने लगे हैं। दिल्ली रोड स्थित बी-ब्लॉन्ड सैलून पर टैटू बनाने वाले आरिफ कहते हैं कि कई लोग अपने किसी प्रिय का नाम भी लिखवाते हैं। इसके अलावा मंत्र, पारंपरिक कलाकृतियां और भगवान शिव के अलावा शंख, त्रिशूल, डमरू और शिव-पार्वती की आधी तस्वीरें बनवाना भी पसंद कर रहे हैं।
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