जागरण संवाददाता, मेरठ: बागपत के डीएम कार्यालय के लिपिक श्रीनिवास की अपहरण के बाद हत्या मामले की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। पत्नी रजनी के मोबाइल की सीडीआर से पता चला कि वह कर्ज उतारने के लिए कई बड़े सटोरियों और तांत्रिक के संपर्क में आ गई थी। पुलिस मान रही है कि श्रीनिवास की हत्या के पीछे सटोरियो और तांत्रिक का हाथ हो सकता है। पुलिस ने मुजफ्फरनगर के तांत्रिक और सटोरिये को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

19 जनवरी को श्रीनिवास का शव मथुरा में मिला था

बता दें सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के प्रभातनगर-330 निवासी श्रीनिवास पाल (50) पुत्र भगवत पाल जिलाधिकारी बागपत के आफिस में लिपिक के पद पर तैनात थे। 30 दिसंबर 2022 को श्रीनिवास और उनकी पत्नी रजनी लापता हो गए थे। उनके पुत्र ईशांक ने सिविल लाइंस थाने में दंपती की गुमशुदगी दर्ज कराई। रजनी को सरधना के कपासाढ़ से अर्जुन और अजीत के घर से बरामद कर लिया था। उसके बाद 19 जनवरी को श्रीनिवास का शव मथुरा में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में श्रीनिवास की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हुई। श्रीनिवास की हत्या के पीछे पुलिस पारिवारिक विवाद ही मानकर चल रही है।

रजनी के मोबाइल सीडीआर से तांत्रिक का नाम सामने आया

वहीं, पुलिस ने श्रीनिवास की पत्नी रजनी की मोबाइल काल डिटेल देखी, जिसमें सामने आया कि रजनी शहर के कई सटोरिये के संपर्क में थी। साथ ही मुजफ्फरनगर के एक तांत्रिक से मिलकर सट्टा जीतने की फिराक में लगी थी, ताकि कर्ज को उतार सकें। पुलिस मान रही है कि श्रीनिवास की हत्या के पीछे तांत्रिक और सटोरियों का भी हाथ हो सकता है। ऐसे में पुलिस तांत्रिक और सटोरियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सिविल लाइंस सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि श्रीनिवास हत्याकांड में कई लाइनों पर काम कर चल रहा है। जल्द ही पुलिस हत्या से पर्दा उठाएंगी।

Edited By: Nirmal Pareek