UP Panchayat Election Result: बागपत में रालोद को मिली संजीवनी तो सपा हुई गदगग, भाजपा को लगा तगड़ा छटका
विधानसभा व लोकसभा चुनाव में सफाया होने के बाद रालोद ने जिला पंचायत सदस्य पद को 20 में से नौ वार्डों में जीत दर्ज कर बागपत में पुरानी सियासी जमीन पर नई नींव रखी। भाजपा को झटका है क्योंकि केसरिया रंग में रंगे होने के बावजूद चार सीट जीत पाई।
बागपत, जेएनएन। विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में सफाया होने के बाद रालोद ने जिला पंचायत सदस्य पद को 20 में से नौ वार्डों में जीत दर्ज कर बागपत में पुरानी सियासी जमीन पर नई नींव रखी। भाजपा को झटका है, क्योंकि बागपत केसरिया रंग में रंगे होने के बावजूद चार वार्डों पर सिमट गई। चार वार्डों पर जीत दर्ज करने से सपा को सियासी आक्सीजन मिल गई। वहीं एक वार्ड पर बसपा ने भी जीत दर्ज की। वहीं तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी राजनीतिक दलों के समर्थित प्रत्याशियों को पटखनी दी।
वर्ष 2014 तथा 2019 में लोकसभा चुनाव तथा वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में रालोद का सर्वाधिक मजबूत गढ़ बागपत नहीं बचा था, क्योंकि भाजपा को शानदार जीत मिली थी। अपना सियासी किला ढहने से हताश रालोद को किसान आंदोलन से कुछ उम्मीद जगी। जिला पंचायत चुनाव में रालोद में जश्न है, क्योंकि सदस्य पद के लिए 20 वाडरें में से नौ वार्डों पर शानदार जीत मिलने से रालोद कार्यकर्ताओं को मनोबल बढ़ा है।
किसान आंदोलन व पार्टी नेताओं में फूट होने से भाजपा का जिला पंचायत चुनाव में तगड़ा झटका है। तीनों विधायक और सांसद होने के बावजूद जिला पंचायत चुनाव में भाजपा को केवल चार वाडरें पर जीत मिली है। विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव से पूर्व जिला पंचायत के 16 वार्डों पर करारी हार मिलने से भाजपा को बड़ा सदमा है। सियासी आक्सीजन मिलने से सपाई गदगद हैं, क्योंकि चार वार्डों पर जीत दर्ज कराकर भाजपा के बराबर आ खड़ी हो गई।
बसपा का प्रदर्शन भी कोई शानदार नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि जिला पंचायत के महज एक वार्ड पर सिमट गई। कांग्रेस की सबसे बुरी गत हुई, क्योंकि जिला पंचायत चुनाव में एक उम्मीदवार को भी जीत दर्ज कराने में सफल नहीं रही है। यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी जिला पंचायत के चुनाव में कोई करिश्मा नहीं कर पाई है।