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बागपत: मां और दो बेटियों की मौत के मामले में दारोगा लाइन हाजिर, एंबुलेंस में चार घंटे रखे रहे शव

बागपत के गांव बाछौड़ निवासी महक सिंह का कहना है कि उसका बेटा यदि किसी युवती को लेकर चला गया था तो बेटे के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 12:06 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 12:06 AM (IST)
बागपत: मां और दो बेटियों की मौत के मामले में दारोगा लाइन हाजिर, एंबुलेंस में चार घंटे रखे रहे शव
एंबुलेंस में चार घंटे तक रखे रहे शव

बागपत, जागरण संवाददाता। दो बहनों के बाद मेरठ के अस्पताल में उपचाराधीन मां ने भी दम तोड़ दिया। एक ही परिवार में तीन दिन में तीन मौत होने से बाछौड़ गांव में शोक और आक्रोश है। गुरुवार को मां व छोटी बेटी का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में लाया गया तो महिलाओं ने सड़क पर ही एंबुलेंस रोक ली और धरना देकर बैठ गईं। उन्‍होंने हंगामा किया। बाद में डीएम व एसपी ने पीड़ित परिवार को उचित मदद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्वजन ने शवों का अंतिम संस्कार किया। इस मामले में दारोगा समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। देर रात एसपी नीरज कुमार जादौन ने आरोपित दारोगा नरेश पाल को लाइन हाजिर कर दिया।

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मृतका के पति ने दिया मांग पत्र

मृतक गीता उर्फ अनुराधा के पति महक सिंह ने एसपी के नाम जो मांग पत्र दिया है उसमें दारोगा नरेशपाल को बर्खास्त कर विभागीय कार्रवाई करने, पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने, पीड़ित परिवार को 75 लाख रुपए आर्थिक मदद, मुकदमे की विवेचना उच्च अधिकारियों से कराने और आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। डीएम राजकमल यादव ने बताया कि दुखद घटना हुई है। पीड़ित परिवार ने एक मांग पत्र दिया है, उसी को ध्यान में रखते हुए मदद की जाएगी। इस घटना की एएसपी मनीष कुमार मिश्र जांच कर रहे हैं। एएसपी का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

चार घंटे चला हंगामा, देर से पहुंचे अधिकारी

बाछौड़ मार्ग पर सड़क पर एंबुलेंस में मां-बेटी के शव लगभग चार घंटे तक रखे रहे। इस दौरान यह मार्ग पूरी तरह जाम रहा। एंबुलेंस के पास क्राइम ब्रांच की टीम खड़ी थी और एंबुलेंस के सामने महिलाएं बैठी हुई थी। पहले सीओ और एसडीएम बड़ौत पहुंचे। उसके बाद सीओ बागपत अनुज मिश्र और सीओ खेकड़ा पहुंचे। समाधान नहीं निकला तो देर शाम एएसपी मनीष कुमार मिश्र और एडीएम अमित कुमार पहुंचे। उसके बाद भी लोग नहीं माने तो डीएम राजकमल यादव और एसपी नीरज कुमार जादौन पहुंचे थे। लोग पहले से ही डीएम, एसपी और आइजी मेरठ को बुलाने की मांग कर रहे थे।

महक सिंह बोले, मेरा परिवार ही उजाड़ दिया

महक सिंह ने बताया कि उसका बेटा प्रिंस यदि किसी युवती को लेकर चला गया तो उसके बेटे के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया। पुलिस कितनी ही बार उनके घर आई और परेशान किया। आए दिन पुलिस उसके परिवार के सदस्यों को थाने ले जाकर मारपीट करती थी। उसकी पत्नी और दो बेटियों की मौत के बाद उसका तो परिवार ही उजड़ गया। अब उसके पास छोटा बेटा मोंटू ही मौजूद है। 


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