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बागपत : गन्ना सर्वे की गलतियों ने उड़ाई किसानों की नींद, दस हजार ने दर्ज कराईं आपत्तियां

गन्‍ना विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सर्वे के दौरान किसी किसान का गन्ना रकबा छोड़ दिया तो कहीं गन्ना प्रजातियां बदल दी। बागपत में दस हजार किसान गन्ना सर्वे की त्रुटियों पर आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 05:29 PM (IST)
बागपत : गन्ना सर्वे की गलतियों ने उड़ाई किसानों की नींद, दस हजार ने दर्ज कराईं आपत्तियां
बागपत में गन्ना समितियों पर खोले गए तीन काउंटर। किया जा रहा है निस्‍तारण।

बागपत, जागरण संवाददाता। 25 अक्टूबर तक चीनी मिलें चालू होनी हैं, लेकिन फिलहाल गन्ना सर्वे की त्रुटियों ने किसानों की नींद उड़ा रखी है। किसी का गन्ना रकबा छोड़ दिया, तो कहीं गन्ना प्रजातियां बदल दी। दस हजार किसान गन्ना सर्वे की त्रुटियों पर आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं। अभी और आपत्तियां आएंगी, क्योंकि बहुत से किसानों ने आज तक अपना गन्ना सर्वे का अपना डाटा देखा ही नहीं है।

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किसानों में खलबली

गन्ना विभाग ने नया पेराई सत्र के लिए जुलाई में सभी 1.24 लाख किसानों का गन्ना सर्वे कराया है। पिछली साल के मुकाबले गन्ना रकबा दो हजार हेक्टेयर बढ़ गया। अब कुल 84 हजार हेक्टेयर भूमि पर गन्ना फसल है। जैसे ही अगस्त में गन्ना सर्वे रिपोर्ट का प्रदर्शन किया गया, वैसे ही त्रुटियां का अंबार देख हजारों किसानों में खलबली मच गई।

अब किया जा निस्‍तारण

त्रुटियों के लिए गन्ना कर्मियों की लापरवाही से इन्कार नहीं किया जा सकता। पर, किसान भी कम जिम्मेदार नहीं, क्योंकि सर्वे के समय खेतों पर मौजूद नहीं मिले। वजह चाहे जो हो पर गन्ना सर्वे में त्रुटियां मिल रही हैं। दस हजार से ज्यादा किसान आपत्तियां दर्ज करा चुके है। अच्छी बात यह है कि गन्ना विभाग के अधिकारी संवेदनशील होकर किसानों की आपत्तियों का निस्तारण फटाफट करा रहे हैं।

मुसीबत बना आनलाइन घोषणा पत्र

किसानों को गन्ना विभाग की साइट पर आनलाइन घोषणा पत्र भरना है। सरूरपुरकलां के किसान सुभाष नैन व विनोद ने बताया कि घोषणा पत्र में जमीन की फर्द, गन्ना रकबा, आधार नंबर और कोड आदि ब्योरा आनलाइन भरने में किसानों को दिक्कत हो रही। अधिकांश किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। जिनके पास स्मार्ट फोन हैं उनमें अधिकांश आनलाइन घोषणा पत्र भरना नहीं जानते। घोषणा पत्र भरवाने को भटक रहे हैं। गन्ना विभाग अपने कर्मी लगाकर किसानों के घोषणा पत्र भरवाने का काम करें।

इनका कहना है

गन्ना सर्वे को लेकर अब तक आई दस हजार किसानों की आपत्तियां निस्तारित हो गई हैं। आपत्तियां निस्तारण समय 31 अगस्त तक है, लेकिन सितंबर में गन्ना समितियों पर मेले लगेंगे, जिनमें आपत्तियों का निस्तारण होगा।

- अनिल कुमार, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक,बागपत


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