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418 शिकायतों से सवालों के घेरे में आयुष्मान भारत योजना, इलाज कम और दर्द ज्यादा Meerut News

आयुष्मान योजना के डेढ़ वर्ष के सफर में अब तक 418 शिकायतें दर्ज की गई हैं। शासन ने अस्पतालों की जांच को कहा अब तक एक की हुई जांच।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 12:33 PM (IST)
418 शिकायतों से सवालों के घेरे में आयुष्मान भारत योजना, इलाज कम और दर्द ज्यादा Meerut News
418 शिकायतों से सवालों के घेरे में आयुष्मान भारत योजना, इलाज कम और दर्द ज्यादा Meerut News

मेरठ, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों को इलाज कम और दर्द ज्यादा मिला। जिले के तकरीबन सभी अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार के पोर्टल पर शिकायतों का अंबार लग गया। उधर, स्टेट हेल्थ एजेंसी ने 15 शिकायतों को फिर से खोला है।

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स्टेट हेल्थ एजेंसी ने 13 नवंबर को डीएम एवं सीएमओ को पत्र भेजकर सभी 61 सूचीबद्ध अस्पतालों में मानकों की नए सिरे से जांच के लिए कहा था। किंतु दो माह से ज्यादा वक्त बीतने के बावजूद जांच टीम सिर्फ अप्स नोवा अस्पताल तक पहुंची, और उसे भी लगे हाथ क्लीन चिट दे दी गई। सीडीओ की अगुवाई वाली टीम के अलावा जिले में दूसरी भी टीम बनाई गई। किंतु जांच आगे नहीं बढ़ी। इसी बीच, अस्पतालों की मनमानी को देखते हुए मरीजों ने सीएम के पोर्टल से लेकर अलग-अलग स्थानों पर शिकायतों को दर्ज कराया।

ऐसे हुई हैं शिकायतें

आइजीआरएस पोर्टल पर 120 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें 117 निस्तारित की जा चुकी है।

सीजीआरएमएस पोर्टल पर कुल 158 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिसमें 157 का निस्तारण हुआ। 15 शिकायतों को फिर से खोला गया है।

40 शिकायतें दस्ती रूप से यानी आफिस में पत्र के रूप में जमा की गई हैं।

कुल मिलाकर 418 शिकायतों में से 411 का निस्तारण हुआ। सात शिकायतें पें¨डग हैं।

आरोपित को सात दिन में अदा करना होगा दंड

एसीएमओ व नोडल अधिकारी डा. पूजा शर्मा का कहना है कि नई गाइडलाइन के मुताबिक सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा लाभार्थी से गलत मद में नकद पैसा लेने पर प्रथम अपराध के रूप में वापस लौटाना होगा। सात दिनों के अंदर पांच गुना पेनाल्टी स्टेट हेल्थ एजेंसी के पास जमा करनी होगी। स्टेट हेल्थ एजेंसी धनराशि लाभार्थी के खाते में डालेगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय से भी होगी कार्रवाई

आयुष्मान योजना के डेढ़ वर्ष के सफर में अब तक 418 शिकायतें दर्ज की गई हैं। अस्पतालों पर ज्यादा बिल लेने, दो बार भुगतान लेने, मर्ज कुछ और इलाज कुछ और करने, ओपीडी मरीज को भर्ती दिखाने, पैनल का नाम सुनते ही मरीज को भगाने जैसी शिकायतें की गई हैं। दर्जनभर शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय को भी मिली हैं, जहां से एक्शन लेने की बात कही गई है। नेशनल एंटी फ्राड टीम ने स्टेट हेल्थ एजेंसी से ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त निर्णय लेने के लिए कहा है।


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