CM Yogi In Meerut: सियासत से दूर मेरठ में सीएम योगी का दिखा खेलयोगी अवतार
खेलनगरी मेरठ में सीएम योगी का खेलयोगी अवतार नजर आया। खेल उत्पादों की प्रदर्शनी को बड़ी तल्लीनता से देखा। टोक्यो पैरालिंपिक पदकवीरों को उत्साहपूर्वक सम्मानित किया वहीं बिना संकोच उनके साथ खूब सेल्फी खिंचवाई। उन्होंने किसी राजनीतिक दल पर कोई टीका टिप्पणी नहीं की।
मेरठ, संतोष शुक्ल। चुनावी मौसम के बीच मंच से सिर्फ खेल और खिलाड़ी की बातें, यह वाकई दुर्लभ दृश्य था। गुरुवार को कृषि विश्वविद्यालय में मंच से करीब 25 मिनट के अपने संबोधन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी तरह अराजनीतिक रखते हुए मंच की गरिमा को एक नई ऊंचाई प्रदान की। खेलनगरी में सीएम योगी का खेलयोगी अवतार नजर आया। खेल उत्पादों की प्रदर्शनी को बड़ी तल्लीनता से देखा। टोक्यो पैरालिंपिक पदकवीरों को उत्साहपूर्वक सम्मानित किया, वहीं बिना संकोच उनके साथ खूब सेल्फी खिंचवाई। मेरठ में कार्यक्रम कर पश्चिमी उप्र की खेल ताकत का संदेश देशभर में दिया। उन्होंने किसी राजनीतिक दल पर कोई टीका टिप्पणी नहीं की।
कैराना न मुजफ्फरनगर, सिर्फ खेल की बातें
सीएम इन दिनों पश्चिमी उप्र को मथ रहे हैं। रामपुर एवं कैराना में जनसभा के बाद गुरुवार को मेरठ पहुंचे। विस 2022 चुनाव को देखते हुए कैराना समेत सभी जनसभाओं में योगी ने आक्रामक भाषण दिया। माना जा रहा था कि पश्चिमी उप्र की राजनीतिक राजधानी मेरठ से वो बड़ा सियासी संदेश देंगे लेकिन, मेरठ के दौरे में उनका नया रूप नजर आया। खेल और खिलाडिय़ों के बीच सीएम योगी मुस्कुराते हुए पूरी तरह सहज बने रहे। उन्होंने मेरठ की कंपनियों के खेल उत्पादों को विश्वस्तरीय बताते हुए आने वाले दिनों में और सुविधाएं देने का भरोसा दिया। इस मंच से कोई सियासी तीर नहीं चलाया गया।
देश के खेल नक्शे में बढ़ाया मेरठ का कद
टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत के लिए पदक जीतने वालों को सीएम योगी ने न सिर्फ करोड़ों का पुरस्कार देकर सम्मानित किया, बल्कि उनके माता-पिता और कोच को भी मंच पर आमंत्रित कर राजनीति में नया आयाम खींचा। अन्य राज्यों से आए खिलाड़ी, उनके माता-पिता और कोच भी गदगद नजर आए। प्रदेश सरकार ने पदकधारियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम मेरठ तय किया तो इससे मेरठ की विश्वस्तरीय खेल इंडस्ट्री को नया मंच मिला, वहीं पश्चिमी उप्र से लेकर हरियाणा तक खेल खिलाडिय़ों को भी मान मिला। सीएम ने प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मेरठ को समर्पित करते हुए साफ कर दिया कि सरकार के पिटारे में इस खेल नगरी के लिए और भी बहुत कुछ है।