सुबूत बने 'तारणहार', बरी होंगे ¨हसा के आरोपित
कई आरोपितों ने पेश किए थे बेगुनाही के सबूत, पुलिस की जांच में सही निकले, एससी-एसटी आरक्षण में संशोधन के विरोध में गत दो अप्रैल को हुई थी ¨हसा।
जासं, मेरठ : गत दो अप्रैल को हुई ¨हसा में आरोपित कुछ लोगों को राहत मिलने वाली है। पुलिस की जांच में ये सब बेकसूर साबित हुए हैं। बेगुनाही के सबूतों के आधार पर पुलिस उनका केस खत्म करेगी। अब तक कुल 20 लोगों ने अपना पक्ष पेश किया है। अधिकारियों का कहना है कि कानूनी राय लेकर जल्द ही इस संबंध में कदम उठाया जाएगा। अब तक दो दर्जन लोगों के सबूत को सही मानते हुए उनके पक्ष में पुलिस ने कोर्ट को रिपोर्ट भेज दी है ताकि इस प्रकरण से उनका नाम हटाया जा सके। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है।
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में बीती दो अप्रैल को आंदोलन किया गया था। इसकी आड़ में जिलेभर में आगजनी, तोड़फोड़ की गई। इसके तहत जिले के 10 थानों में 100 मुकदमे दर्ज कर 957 लोगों को नामजद किया गया था। 161 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मुकदमों की जांच के लिए जिले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित की गई थी, लेकिन बेकसूरों की नामजदगी और गिरफ्तारी का आरोप लगने के बाद सभी मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी।
ब गुनाही साबित करने का दिया था मौका
जांच क्राइम ब्रांच के पास जाने के बाद एडीजी व एसएसपी ने मुकदमों के आरोपितों को बेगुनाही साबित करने के लिए सबूत देने की बात कही थी। करीब ढाई दर्जन से अधिक लोगों ने सबूत पेश किए। क्राइम ब्रांच की जांच में वे सबूत सही निकले। इसके बाद पुलिस ने बेकसूरों पर दर्ज मुकदमों में एफआर लगाने का फैसला लिया है।
इन थानों में दर्ज हुए मुकदमे
¨हसा के बाद सबसे ज्यादा 51 मुकदमे सिविल लाइन और दूसरे नंबर पर सर्वाधिक 38 मुकदमे कंकरखेड़ा थाने में दर्ज किए गए। जानी, मेडिकल, नौचंदी थाने में दो-दो और पल्लवपुरम, टीपीनगर, लालकुर्ती, रेलवे रोड व मवाना में एक-एक मुकदमा दर्ज किया गया। आरक्षण आंदोलन पर एक नजर
-100 मुकदमे दर्ज हुए।
-954 आरोपित नामजद हुए, सात नाम और प्रकाश में आए।
-161 आरोपित गिरफ्तार किए गए।
-35 पुलिसकर्मी ¨हसा में घायल हुए।
-01 युवक की ¨हसा में मौत हुई।
-04 रसूखदार लोग गिरफ्तार किए गए।
-18 करोड़ के आसपास की क्षति का आंकलन।
-40 बस क्षतिग्रस्त व 09 बसों में आगजनी हुई।
-103 छोटे वाहन क्षतिग्रस्त हुए। इन्होंने कहा ..
¨हसा के कुछ आरोपितों ने अपनी बेगुनाही के सबूत पेश किए थे। जांच में वे सही निकले। विधिक राय लेकर बेकसूरों पर दर्ज मुकदमों में एफआर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-शिवराम यादव, एसपी क्राइम