फेल हुए निगम के दावे : कूड़े और गोबर से अटे नालों ने बढ़ाईं मोहल्लों की मुसीबतें
भले ही नाले सफाई के लाख दावे नगर निगम प्रशासन करे लेकिन हकीकत यही है कि अधिकतर नाले कूड़े और गोबर से अटे पड़े हैं।
By Edited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 09:00 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन । भले ही नाले सफाई के लाख दावे नगर निगम प्रशासन करे, लेकिन हकीकत यही है कि अधिकतर नाले कूड़े और गोबर से अटे पड़े हैं। एक भी नाला ऐसा नहीं है जो बिना अवरोध के बारिश का पानी शहर से बाहर कर सके। नालानामा अभियान की दूसरी कड़ी में दैनिक जागरण की टीम कसेरूखेड़ा से गुजर रहे (आबू नाला दो ) का हाल जानने पहुंची।
दर्जनों मोहल्लों की मुसीबत
यह वही नाला है, जो 27 जुलाई 18 को डिफेंस कॉलोनी समेत करीब आधा दर्जन मोहल्लों के लिए मुसीबत-ए-जान बन गया था। पूरा इलाका जलमग्न हो गया था। लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले हैं। नगर निगम के दावे के मुताबिक एक अप्रैल से नाला सफाई शहर में शुरू हो चुकी है। 30 जून तक मानसून आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अभी तक आबू नाला-दो की सफाई शुरू नहीं हुई है। कसेरूखेड़ा, गंगानगर कूड़ाघर के समीप, डिफेंस कालोनी के पास नाला कूड़े से पटा हुआ है।
गंदगी रोक रही पानी का प्रवाह
नाले पर पड़ने वाले पुल-पुलिया के समीप गंदगी पानी के प्रवाह को रोक रही है। आजाद नगर और कसेरूखेड़ा के समीप नाले के पास डेयरियों के संचालन से गोबर भी नाले में ही बहाया जा रहा है, जिससे नाले में गोबर की सिल्ट जमा हो गई है। नाले की सफाई हुए आठ माह गुजर चुके हैं। यह सफाई 27 जुलाई को भयावह स्थिति बनने के बाद कराई गई थी। तब से नाले में पोर्कलेन मशीन नहीं उतरी है। यह नाला करीब एक लाख आबादी की जल निकासी का जरिया है। नाले की लंबाई करीब 3000 मीटर है। 10 मीटर चौड़ा और पांच मीटर गहरा हे, लेकिन सफाई न होने की वजह से यह बरसात में नाले के समीप बसे मोहल्लों के लिए मुसीबत बन सकता है। कचरे से अटे कसेरूखेड़ा नाले को देखकर लोग भयभीत हैं।
मोहल्ले हो गए थे जलमग्न
इन मोहल्लों की होती है जलनिकासी आबू नाला-दो खटकाना पुल से मवाना रोड पुल तक, गंगानगर कूड़ाघर से होते हुए किला रोड तक व गैसूपुर से गोकुलपुर के समीप काली नदी में जाकर गिरता है। करीब 3000 मीटर लंबा नाला कंकरखेड़ा, रुड़की रोड कृष्णा नगर और आसपास की तमाम कालोनियों, खटकानापुल, कसेरूखेड़ा, आजाद नगर, डिफेंस कालोनी, न्यू मीनाक्षीपुरम, मीनाक्षीपुरम, राधा गार्डन, गंगानगर, अब्दुल्लापुर समेत अन्य मोहल्लों की जलनिकासी का प्रमुख जरिया है। 27 जुलाई का खौफनाक मंजर 2018 की 27 जुलाई को हुई बारिश से शहर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। आबू नाला-दो की गहराई से सफाई न होने के कारण डिफेंस कालोनी समेत आसपास के मोहल्ले जलमग्न हो गए थे।घरों के अंदर बारिश का पानी घुस गया था। वह मंजर लोग आज भी नहीं भूले हैं।
इनका कहना है
आबू नाला-एक की सफाई चल रही है। इसके बाद कसेरूखेड़ा आबू नाला-दो की सफाई कराएंगे। बरसात से पहले नाले की सफाई मशीन से कराई जाएगी। शेड्यूल बना लिया गया है। नाले की गहराई से सफाई करनी है।
- अरुण कुमार खरखोदिया, जोनल सेनेटरी अधिकारी नगर निगम
दर्जनों मोहल्लों की मुसीबत
यह वही नाला है, जो 27 जुलाई 18 को डिफेंस कॉलोनी समेत करीब आधा दर्जन मोहल्लों के लिए मुसीबत-ए-जान बन गया था। पूरा इलाका जलमग्न हो गया था। लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले हैं। नगर निगम के दावे के मुताबिक एक अप्रैल से नाला सफाई शहर में शुरू हो चुकी है। 30 जून तक मानसून आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अभी तक आबू नाला-दो की सफाई शुरू नहीं हुई है। कसेरूखेड़ा, गंगानगर कूड़ाघर के समीप, डिफेंस कालोनी के पास नाला कूड़े से पटा हुआ है।
गंदगी रोक रही पानी का प्रवाह
नाले पर पड़ने वाले पुल-पुलिया के समीप गंदगी पानी के प्रवाह को रोक रही है। आजाद नगर और कसेरूखेड़ा के समीप नाले के पास डेयरियों के संचालन से गोबर भी नाले में ही बहाया जा रहा है, जिससे नाले में गोबर की सिल्ट जमा हो गई है। नाले की सफाई हुए आठ माह गुजर चुके हैं। यह सफाई 27 जुलाई को भयावह स्थिति बनने के बाद कराई गई थी। तब से नाले में पोर्कलेन मशीन नहीं उतरी है। यह नाला करीब एक लाख आबादी की जल निकासी का जरिया है। नाले की लंबाई करीब 3000 मीटर है। 10 मीटर चौड़ा और पांच मीटर गहरा हे, लेकिन सफाई न होने की वजह से यह बरसात में नाले के समीप बसे मोहल्लों के लिए मुसीबत बन सकता है। कचरे से अटे कसेरूखेड़ा नाले को देखकर लोग भयभीत हैं।
मोहल्ले हो गए थे जलमग्न
इन मोहल्लों की होती है जलनिकासी आबू नाला-दो खटकाना पुल से मवाना रोड पुल तक, गंगानगर कूड़ाघर से होते हुए किला रोड तक व गैसूपुर से गोकुलपुर के समीप काली नदी में जाकर गिरता है। करीब 3000 मीटर लंबा नाला कंकरखेड़ा, रुड़की रोड कृष्णा नगर और आसपास की तमाम कालोनियों, खटकानापुल, कसेरूखेड़ा, आजाद नगर, डिफेंस कालोनी, न्यू मीनाक्षीपुरम, मीनाक्षीपुरम, राधा गार्डन, गंगानगर, अब्दुल्लापुर समेत अन्य मोहल्लों की जलनिकासी का प्रमुख जरिया है। 27 जुलाई का खौफनाक मंजर 2018 की 27 जुलाई को हुई बारिश से शहर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। आबू नाला-दो की गहराई से सफाई न होने के कारण डिफेंस कालोनी समेत आसपास के मोहल्ले जलमग्न हो गए थे।घरों के अंदर बारिश का पानी घुस गया था। वह मंजर लोग आज भी नहीं भूले हैं।
इनका कहना है
आबू नाला-एक की सफाई चल रही है। इसके बाद कसेरूखेड़ा आबू नाला-दो की सफाई कराएंगे। बरसात से पहले नाले की सफाई मशीन से कराई जाएगी। शेड्यूल बना लिया गया है। नाले की गहराई से सफाई करनी है।
- अरुण कुमार खरखोदिया, जोनल सेनेटरी अधिकारी नगर निगम
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