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आइपीएस बनकर पूरी की मां की ख्वाहिश, बड़ी बहनें बनी मार्गदर्शक

बेटी के जन्म से ठीक पहले डीएम आवास देख मां मीरा गुप्ता की जुबां से निकले शब्द साकार हो गए। उन्होंने कहा था कि मेरी बेटी इसी तरह के बंगले में रहेगी। मां को ही आदर्श मानने वाली बेटी अपर्णा गुप्ता ने दिन-रात एक कर पढ़ाई की। यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई और ट्रेनिंग की हर बाधा को पार करते हुए आइपीएस अफसर बनीं। पहली पोस्टिंग आगरा और वर्तमान में एएसपी मुरादाबाद के तौर पर कार्यरत अपर्णा को इस बात का अफसोस है कि जब उन्होंने बदन पर खाकी डाली तो मां की आंख सदा के लिए बंद हो चुकी थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 06:00 AM (IST)
आइपीएस बनकर पूरी की मां की ख्वाहिश, बड़ी बहनें बनी मार्गदर्शक
आइपीएस बनकर पूरी की मां की ख्वाहिश, बड़ी बहनें बनी मार्गदर्शक

मेरठ : बेटी के जन्म से ठीक पहले डीएम आवास देख मां मीरा गुप्ता की जुबां से निकले शब्द साकार हो गए। उन्होंने कहा था कि मेरी बेटी इसी तरह के बंगले में रहेगी। मां को ही आदर्श मानने वाली बेटी अपर्णा गुप्ता ने दिन-रात एक कर पढ़ाई की। यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई और ट्रेनिंग की हर बाधा को पार करते हुए आइपीएस अफसर बनीं। पहली पोस्टिंग आगरा और वर्तमान में एएसपी मुरादाबाद के तौर पर कार्यरत अपर्णा को इस बात का अफसोस है कि जब उन्होंने बदन पर खाकी डाली तो मां की आंख सदा के लिए बंद हो चुकी थी।

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लक्ष्य तय था, बढ़ती गई मंजिल की ओर

अपर्णा आइएएस बन सकती थीं, लेकिन उनका लक्ष्य शुरू से ही आइपीएस बनने का रहा। कभी मन भटका भी तो मां ने प्रेरित कर उन्हें याद दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेरठ में पढ़ाई पूरी करने के बाद हल्दिया से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनिय¨रग में बीटेक कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। पहली प्रीलिम परीक्षा 20 मई 2012 को दी और उससे ठीक पांच दिन पहले 15 मई को उनकी माता का देहांत हो गया। मां की आंख बंद होते ही उनका सपना अपर्णा की आंखों में बस गया। अपने परिश्रम को जारी रखा और जुलाई 2015 में यूपीएससी में सफल हुई।

इंजीनियर्स के परिवार की पहली आइपीएस

मूल रूप से मुजफ्फरनगर और वर्तमान में किलो रोड निवासी दिनेश गुप्ता के तीन बेटियां ही हैं। संयुक्त गुप्ता परिवार में तकरीबन 90 फीसद इंजीनियर्स में अपर्णा पहली आइपीएस ऑफिसर बनी हैं। अर्पिता व अपर्णा अपने बैच की टॉपर रही हैं। अर्पिता ने डीयू के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए किया और वर्तमान में डेल कंपनी में वरिष्ठ पद पर हैं। अर्चिता भी गुरुग्राम में कार्यरत हैं। दोनों बड़ी बहनों ने अपर्णा का मनोबल कभी गिरने नहीं दिया।

मिली नक्सल विरोधी अभियान की ट्रेनिंग

साल 2015 की 68 आरआर बैच की आइपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता को 10 महीने की ट्रेनिंग के बाद जम्मू-कश्मीर व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवादियों से लड़ने के लिए सेना के साथ अटैच कर प्रशिक्षित किया गया। अपर्णा को बैच की परीक्षा में 'एथिक्स इन पुलिस' यानी पुलिस में आचार विचार के विषय में प्रथम आने के लिए 'अरुण कुमार अरोरा मेमोरियल ट्राफी' प्रदान किया गया। फरवरी 2017 में आगरा में पहली पोस्टिंग मिलने के बाद अपर्णा ने पहली फील्ड ड्यूटी अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में की।


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