बोर्ड परीक्षा : फिजिकल एजुकेशन में पूछा डोपिंग का प्रभाव
वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में शुक्रवार को सीबीएसई-12वीं की इकोनोमिक्स और आइएसयसी की फिजिकल एजुकेशन और आइसीएसई की फिजिक्स की परीक्षा हुई। तीनों ही पेपर काफी आसान रहे और परीक्षार्थियों ने पेपर को सिलेबस के अनुरूप ही बताया।
मेरठ, जेएनएन। वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में शुक्रवार को सीबीएसई-12वीं की इकोनोमिक्स और आइएसयसी की फिजिकल एजुकेशन और आइसीएसई की फिजिक्स की परीक्षा हुई। तीनों ही पेपर काफी आसान रहे और परीक्षार्थियों ने पेपर को सिलेबस के अनुरूप ही बताया। आइएससी के फिजिकल एजुकेशन के पेपर में परीक्षार्थियों से डोपिंग से संबंधित प्रश्न भी पूछा गया। इसमें ड्रग एब्यूज पर आधारित प्रश्न में डोपिंग का खिलाड़ियों पर पड़ने वाले असर के बारे में भी जानकारी मांगी गई। शिक्षिका कविता पंवार के अनुसार पेपर आसान रहा। पेपर में नेशनल इंटरग्रेशन, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, नॉक आउट टूर्नामेंट के हानि व लाभ, पेन एंड स्ट्रेन, डोपिंग आदि पर प्रश्न पूछे गए। सभी प्रश्न सिलेबस के अंतर्गत होने से परीक्षार्थियों ने भी सभी के उत्तर लिखे।
आइसीएसई के फिजिक्स के पेपर में भी सिलेबस के बाहर से कोई प्रश्न नहीं पूछा गया। शिक्षिका एसजी रफेल के अनुसार एक-दो लघु उत्तरीय प्रश्नों को छोड़कर सभी प्रश्न सीधे पूछे गए थे। परीक्षार्थियों ने भी पेपर को सामान्य व आसान बताया है। वहीं सीबीएसई 12वीं इकोनोमिक्स का पेपर भी पूरी तरह से आसान रहा है। शिक्षकों व परीक्षार्थियों के अनुसार इस साल इकोनोमिक्स में 'इंडियन इकोनोमिक्स डेवलपमेंट' से कठिन प्रश्न पूछे जाने की संभावना थी लेकिन सभी प्रश्न आसान रहे। इसी तरह मैक्रो इकोनोमिक्स में भी पूछे गए अधिकतर प्रश्न पिछले पांच सालों में बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न ही रहे।
प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिग में आल इंडिया में पहली रैंक आई
जागरण संवाददाता, मेरठ : फूल बाग कालोनी के रहने वाले सूर्याश गर्ग की गेट की परीक्षा में प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिग में आल इंडिया में पहली रैंक आई है। उन्होंने 100 अंक में से 88 अंक हासिल की है। नियमित अध्ययन करते हुए उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
सूर्याश ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सेंट मेरीज एकेडमी से पूरी की। इसके बाद बीआइईटी झांसी से वर्ष 2019 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। एक साल से घर पर रहते हुए गेट की तैयारी कर यह सफलता हासिल की। सूर्याश ने अपनी सफलता के पीछे हर दिन पांच से छह घंटे नियमित अध्ययन को दिया है। पूरे साल बगैर कोई ब्रेक किए तैयारी की। सूर्याश एमटेक की पढ़ाई के बाद इंजीनियर बनाना चाहते हैं। सूर्याश के पिता प्रो. सुभाषचंद्र गुप्ता पौढ़ी गढ़वाल यूनिवर्सिटी में विधि के प्रोफेसर हैं। मां संगम गुप्ता है। सूर्याश की बहन साक्षी गर्ग पीसीएस जे हैं।