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औघड़नाथ मंदिर मार्ग पर नहीं होगा सेना प्रबंधन

पहले की तरह ही औघड़नाथ मंदिर मार्ग पर कैंट बोर्ड का प्रबंधन रहेगा। इस मार्ग को सेना को नहीं दिया जाएगा।

By Edited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 08:00 AM (IST)
औघड़नाथ मंदिर मार्ग पर नहीं होगा सेना प्रबंधन
औघड़नाथ मंदिर मार्ग पर नहीं होगा सेना प्रबंधन

मेरठ, जेएनएन। पहले की तरह ही औघड़नाथ मंदिर मार्ग पर कैंट बोर्ड का प्रबंधन रहेगा। इस मार्ग को सेना को नहीं दिया जाएगा। बोर्ड बैठक में लैंड यूज बदलने के प्रस्ताव पर कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने आपत्ति दर्ज कराई। यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय हुआ। छावनी में सर्वत्र चौक से रेलवे क्रॉसिंग तक औघड़नाथ मंदिर मार्ग सी लैंड है। करीब 2100 मीटर लंबी इस सड़क की मरम्मत से लेकर रखरखाव की जिम्मेदारी कैंट बोर्ड की है। इसी तरह सेना के प्रबंधन में ए- वन लैंड पर भूसा मंडी से हनुमान चौक वेस्ट एंड रोड है, जिसकी लंबाई 1700 मीटर है। औघड़नाथ मंदिर मार्ग के दोनों ओर सेना की कई यूनिट होने की वजह से सेना मुख्यालय की ओर से इस सड़क का लैंड यूज सी से ए-वन करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसकी जगह पर सेना वेस्ट एंड रोड को ए- वन लैंड की जगह सी लैंड में परिवर्तित करना चाहती है। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को कैंट विधायक ने सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था कि 1857 से पहले से औघड़नाथ मंदिर मार्ग सिविल में है। लैंड यूज बदलने से भविष्य में कोई समस्या आ सकती है। विधायक सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों के विरोध के बाद यह प्रस्ताव पास नहीं किया गया। मेधावी छात्रा अनन्या गोयल के घर तक बनेगी सड़क बैठक में पीडब्लूडी ने कुछ सड़कों को बनाने के लिए एनओसी मांगी थी। कैंट बोर्ड ने एनओसी दे दी है। इसमें काली माई मंदिर से दुर्गाबाड़ी और किला रोड पर गेसूपुर पुल से टचिंग ग्राउंड तक कुछ हिस्से की सड़क बनाने पर एनओसी दी गई है। बोर्ड की टॉपर छात्रा अनन्या गोयल के घर तक सड़क मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में सभी मेधावी छात्र- छात्राओं को सम्मानित किया था। इसमें ऐसे छात्रों के घर तक सड़क बनाने की घोषणा की थी। सदर दुर्गाबाड़ी मंदिर मार्ग पर अनन्या का घर है। उसके घर तक पहले से सड़क बनी है। सड़क की मरम्मत कराने के लिए पीडब्लूडी ने एनओसी मांगी थी। दिसंबर के बाद वेतन का भी टोटा प्रधान निदेशक रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट बोर्ड को 12 करोड़ रुपये अनुदान और सेवा शुल्क मद में दिया गया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि इस वित्तीय वर्ष में अब कोई ग्रांट नहीं दी जाएगी। कैंट बोर्ड बैठक में सीईओ ने बताया कि यह राशि दिसंबर तक के लिए पेंशन, वेतन आदि में खर्च हो जाएगी। इसके बाद वेतन देना भी मुश्किल है। विकास कार्यो के लिए पैसा नहीं बचेगा। छावनी के सोर्स से जो आय है, वह पैसा दो माह का वेतन बांटने में ही खत्म हो जा रहा है। आबूलेन को फ्री होल्ड करने की मांग बोर्ड बैठक में छावनी के राजस्व को बढ़ाने के लिए वार्ड तीन की सदस्य बीना वाधवा ने आबूलेन को कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के तौर पर फ्री होल्ड कराने की मांग की। इसका उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी ने भी समर्थन किया। सीईओ ने बताया कि मध्य कमान को प्रस्ताव भेजा गया है, दोबारा रिमाइंडर भेजा जाएगा। मंगल पांडे बाजार आबूलेन में रिक्त जमीन पर अस्थायी फड़ बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया।

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