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ताजमहल के इतिहास से की गई छेड़छाड़ : स्वामी राजेंद्र देव

-आचार्य स्वामी राजेंद्र देव का दावा, शाहजहां ने नहीं बनवाया था लालकिला सरधना (मेरठ) : ताजमहल

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Oct 2017 02:02 AM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 02:02 AM (IST)
ताजमहल के इतिहास से की गई छेड़छाड़ : स्वामी राजेंद्र देव
ताजमहल के इतिहास से की गई छेड़छाड़ : स्वामी राजेंद्र देव

-आचार्य स्वामी राजेंद्र देव का दावा, शाहजहां ने नहीं बनवाया था लालकिला

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सरधना (मेरठ) : ताजमहल के इतिहास को लेकर छिड़ी बहस के बीच औरंगनगर रार्धना स्थित स्वामी कृष्णानंद वैदिक गुरुकुल के आचार्य स्वामी राजेंद्र देव ने भी तर्को का तीर छोड़ दिया है। दावा किया कि तेजोमहल राजा जय सिंह ने बनवाया था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। कहा कि इलाहाबाद में दफनाए गए मुमताज बेगम के शव के अवशेष यहां लाकर दोबारा दफनाए गए। उन्होंने ताजमहल की सच्चाई दुनिया के सामने लाने के लिए शोध की जरूरत बताई।

स्वामी राजेंद्र देव ने कहा कि दिल्ली का लालकिला महाराजा अनंगपाल की बनाई हुई लाल कोर्ट है। इसमें रहकर ही पृथ्वीराज चौहान व अन्य मुस्लिम शासकों ने भारत पर राज किया। ये सभी लाल किला में बने श्वेत महल में रहते थे, जो अभी भी लालकिला के बीचोंबीच स्थित है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या शाहजहां ने अपने दादा से पहले पैदा होकर लालकिला बनवा दिया था? शाहजहां ने 39 वर्ष के शासन में 43 लड़ाइयां लड़ीं, जिसमें काफी धन हानि हुई। शाहजहां ने यहां एक झोपड़ा भी नहीं बनवाया। ¨हदू शासकों की बनवाई इमारतों पर अतिक्रमण कर झूठा इतिहास गढ़ दिया। उन्होंने तर्क दिया कि फ्रांस के व्यापारी टैवेर्नियर ने अपनी पुस्तक में लिखा कि इस महल का नवीनीकरण सन 1642 में हुआ। पीटर मूडी ने लिखा कि इस मकबरे का निर्माण सन 1648 में पूर्ण हुआ। जबकि औरगंजेब ने सन 1652 में अपने पिता को पत्र में इसके जर्जर होने की बात लिखी थी। इससे सिद्ध होता है कि ताजमहल का निर्माण काफी पहले हो चुका था। ताजमहल जयपुर राजघराने की पुरानी इमारत थी, जिस पर अलाउद्दीन ने कब्जा किया। फिर तुगलक और लोधी वंश के कब्जे में रही। हुमायूं की पराजय के बाद फिर से जयपुर राजघराने का इस पर कब्जा हो गया था, मगर सन 1629 में उनसे शाहजहां ने बलपूर्वक हथियाकर मकबरे का रूप दे दिया। ये सभी ऐसे तथ्य हैं कि जिनसे प्रतीत होता है कि इतिहास के छेड़छाड़ की गई है।


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