व्यवस्था रही धड़ाम..शहर हो गया जाम, आमजन हलकान, रेंग कर चले वाहन
बिजली बंबा बाईपास बंद होने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस कोई ठोस प्लान नहीं बना रही है, जिसके चलते आए दिन शहर के लोग जाम के झाम में पिस रहे हैं। शनिवार को भी अफसरों की बदइंतजामी का खामियाजा लोगों को घंटों जाम में फंसकर चुकाना पड़ रहा है।
मेरठ । बिजली बंबा बाईपास बंद होने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस कोई ठोस प्लान नहीं बना रही है, जिसके चलते आए दिन शहर के लोग जाम के झाम में पिस रहे हैं। शनिवार को भी अफसरों की बदइंतजामी का खामियाजा लोगों को घंटों जाम में फंसकर चुकाना पड़ रहा है।
बाईपास बंद होने से अधिकांश वाहन शहर की सड़कों पर उतर गए हैं। पांच दिन बाद भी ट्रैफिक पुलिस हवा-हवाई दावे करती नजर आई। व्यवस्था के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। दिल्ली रोड पर हालात इतने विकट हो गए कि लोग दिनभर जाम को झेलते रहे। हाल तो यह है कि चंद मिनट की दूरी लोगों को घंटों में तय करनी पड़ी। दिल्ली रोड पर टीपीनगर कट, फुटबाल चौक, रेलवे रोड चौराहा, केसरगंज, सोतीगंज के अलावा जीरो माईल, बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, भूमिया पुल, एल-ब्लॉक तिराहा पर भीषण जाम रहा। एक बारगी तो तेजगढ़ी चौराहे पर भी जाम का सामना करना पड़ा। थानेदार भी सोए हैं
शहर में जाम लगने की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण है। एसएसपी अखिलेश कुमार निर्देश दे चुके हैं कि संबंधित थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में अतिक्रमण नहीं होने देंगे। फिर भी थानेदार सोए हैं। निर्देशों की धज्जियां उड़ा दी गई हैं। ट्रैफिक और थाना पुलिस की इस कार्यशैली से लोग बेहद खफा हैं। कहां हैं अफसर
शहर के लोग कई दिनों से भीषण जाम से परेशान हैं। दिन निकलते ही शहर की सड़कें जाम के हवाले हो जाती हैं। स्कूली बच्चों को भी जाम झेलना पड़ रहा है। नौकरीपेशा लोग भी समय से दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं मरीज भी घंटों जाम में फंसकर सरकारी तंत्र को कोसते रहे। इतना कुछ होने के बाद भी उच्च अधिकारी इससे बेखबर हैं। इन्होंने कहा--
यदि किसी थानाक्षेत्र में अतिक्रमण मिलता है तो संबंधित थानेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
-अखिलेश कुमार, एसएसपी जहां पर वाहनों का दबाव रहता है वहां पुलिसकर्मी तैनात हैं। बाईपास बंद होने से वाहनों की संख्या बढ़ी है, इसलिए कुछ जगह रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है।
-संजीव कुमार वाजपेयी, एसपी यातायात
पांच मिनट का सफर तय करने में लगा एक घंटा
जासं, मोदीनगर : दिल्ली-मेरठ हाईवे पर शनिवार रात को भयंकर जाम लग गया। मेरठ जाने वाली साइड में स्थिति ज्यादा भयावह थी। लोगों को पांच मिनट का सफर तय करने में एक घंटे का समय लगा। पुलिस के जाम खुलवाने में पसीने छूट गए। दिल्ली-मेरठ हाईवे पर शनिवार शाम करीब साढ़े सात बजे मोदी मंदिर के सामने कंटेनर खराब हो गया। कंटेनर बीच सड़क पर खड़ा था। जिसके चलते हाईवे पर केवल एक वाहन के निकलने की जगह ही बची। आधे घंटे में ही गाजियाबाद से मेरठ जाने वाली साइड में वाहनों की कतारें सीकरी खुर्द गांव के गेट के सामने तक पहुंच गईं। लोगों को पांच मिनट की यह दूरी तय करने में एक घंटे का समय लगा। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद कंटेनर को एक तरफ कराकर यातायात सुचारू कराया। इसके बावजूद करीब 9 बजे के आसपास यातायात सामान्य हुआ। उधर, हापुड़ की तरफ से देर शाम बड़ी संख्या में भारी वाहन आगे पीछे हाईवे पर आ गए। उनके मेरठ की तरफ यूटर्न लेने के चलते गाजियाबाद की तरफ जा रहे वाहनों की गति थम गई। सौंदा कट से लेकर गो¨वदपुरी तक लोगों को रात नौ बजे तक भीषण जाम से जूझना पड़ा। यातायात सुचारू कराने में पुलिस के पसीने छूट गए। बता दें कि हाईवे पर जाम लगने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोग गंगनहर पटरी मार्ग से होकर भी गंतव्य तक पहुंचे। आम लोगों के साथ कई खास लोगों को भी जाम में फंसकर परेशानी उठानी पड़ी। इस बारे में एसएचओ गजेंद्रपाल ¨सह का कहना है कि समय रहते पुलिस को मौके पर भेजकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया था। अन्यथा हालात ज्यादा खराब हो जाते।