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सेना भर्ती की कराते थे फर्जी ट्रेनिंग, मेरठ व देहरादून की टीम ने दबोचा, देश भर में फैला है नेटवर्क Meerut News

आर्मी इंटेलिजेंस मेरठ और देहरादून पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत 19 युवाओं को सेना भर्ती की फर्जी ट्रेनिंग कराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दो लोग अभी भी फरार हैं जिनमें एक दिल्ली व दूसरा हरियाणा का है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 12:15 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 12:15 PM (IST)
सेना भर्ती की कराते थे फर्जी ट्रेनिंग, मेरठ व देहरादून की टीम ने दबोचा, देश भर में फैला है नेटवर्क Meerut News
मेरठ में दबोचे गए तीन आरोपित ।

मेरठ, जेएनएन। आर्मी इंटेलिजेंस मेरठ और देहरादून पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत 19 युवाओं को सेना भर्ती की फर्जी ट्रेनिंग कराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दो लोग अभी भी फरार हैं, जिनमें एक दिल्ली व दूसरा हरियाणा का है। इनमें एक चिकित्सक और दूसरा कागजात बनाने की भूमिका निभा रहा था। पकड़े गए तीन आरोपितों में युवराज पुत्र राजेंद्र सिंह तीलीयाधार खुर्जा जिला बुलंदशहर, पंकज पुत्र ब्रजभूषण हरेड़ा जिला बागपत और सोनू पुत्र सूबेराम बौदकला चरखी दादरी हरियाणा का रहने वाला है। धोखाधड़ी के शिकार 19 युवक उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली आदि जगहों के हैं।

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मेरठ में मिला था फर्जीवाड़े का नेटवर्क: गणतंत्र दिवस के ठीक पहले आर्मी इंटेलिजेंस की सूचना पर सदर थाने की पुलिस ने भैंसाली बस अड्डे के निकट एक होटल से 10 युवकों को पकड़ा था। सभी को सेना में भर्ती के लिए लाया गया था। उन्हें टीए (टेरिटोरियल आर्मी) में भर्ती के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए गए थे। सभी युवक महाराष्ट्र के थे। उन्हीं युवकों से मिली सूचना के बाद आर्मी इंटेलिजेंस जांच करते हुए इस गिरोह तक पहुंची। इनके पास से भी उसी तरह के फर्जी नियुक्ति पत्र, सेना के पहचान पत्र सहित अन्य कागजात मिले हैं। 19 युवकों को सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर आरोपितों से 55 से 60 लाख रुपये मिले हैं।

कराया मेडिकल और एक महीने की ट्रेनिंग भी: युवाओं को नौकरी के नाम पर झांसा देकर अपने जाल में फंसाने वाले इन जालसाजों ने फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाने के बाद दिल्ली में फर्जी मेडिकल भी कराया। मेडिकल स्लिप मांगने पर बाद में देने को कहा। दो से तीन महीने विभिन्न शहरों व छावनियों के आस-पास घुमाने के बाद उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल स्थित एक कैंप में एक महीने की ट्रेनिंग कराई। इसके बाद 11 अप्रैल को गढ़ी कैंट देहरादून सेंटर भेजने के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान करने हेतु बालाजी धाम मंदिर झाझरा में बुलाया था। दोपहर एक बजे पहुंचने को बोलकर कोई लेने नहीं आया।

देशभर में फैला है जाल

शिकायतकर्ता दीपक पुत्र जयवीर निवासी चरखी दादरी (हरियाणा) ने आर्मी इंटेलिजेंस और देहरादून पुलिस को पूछताछ में बताया है कि अक्टूबर 2020 में रविंद्र से उसकी मुलाकात हुई। पहले ढाई लाख रुपये लिए और मेडिकल कराने के बाद चार लाख ओर लिए। दीपक के साथ सात-आठ युवक थे। एक महीने बाद फर्जी नियुक्त पत्र देकर 14 जनवरी 2021 को आगरा भेजा गया। आगरा में एक सेना की जिप्सी आई और सभी युवकों से नियुक्ति पत्र व उनके मूल शैक्षणिक कागजात ले गए। एक महीने बाद ग्वालियर बुलाकर निजी घर में रखा। यहां से अलवर व जयपुर होते हुए दीपक ऋषिकेश स्थित हिमालयन ट्रेनिंग सेंटर पहुंचा। वहां दीपक व उसके साथियों की ट्रेनिंग एक अप्रैल को शुरू हुई, जबकि वहां पहले से कुछ युवकों की ट्रेनिंग चल रही थी। 


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