असम में आइडी खोजने वाले फौजी श्वान लालम को गणतंत्र दिवस पर मिलेगा कमेंडेशन कार्ड और कोर क्रेस्ट ब्लेजर
पिछले साल 15 अगस्त के ठीक पहले असम के रंगिया में आइडी के बड़े जखीरे को खोजकर अनमोल मानव जीवन बचाने के लिए फौजी श्वान लालम को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।
मेरठ, [अमित तिवारी]। जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर-पूर्वी सीमा तक सैनिकों के साथ प्रहरी बनकर सुरक्षा में तैनात फौजी श्वानों को सेना पूर्ण सम्मान देती है। हर साल सेना दिवस पर फौजी श्वानों के साहसिक कारनामों को कमेंडेशन कार्ड से नवाजा जाता है। गोल्डन लेब्राडोर्स की फीमेल के-9 स्क्वाड की सदस्य लालम को भी इस साल सेना दिवस पर पूर्वी कमान आर्मी कमांडर ने कमेंडेशन कार्ड और कोर क्रेस्ट ब्लेजर देने की घोषणा की। लालम को यह सम्मान पिछले साल 15 अगस्त के ठीक पहले असम के रंगिया में आइडी के बड़े जखीरे को खोजकर अनमोल मानव जीवन बचाने के लिए दिया गया। उसे इस गणतंत्र दिवस पर इस सम्मान से नवाजा जाएगा।
तीन साल में मिला सम्मान
लालम का जन्म रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज, मेरठ में फरवरी 2017 में हुआ। प्राथमिक ट्रेनिंग और विशेषज्ञता प्रशिक्षण के बाद 18 सितंबर 2018 को गोल्डन लेब्राडोर लालम स्निफर डॉग के तौर पर सेना की डॉग स्क्वाड में शामिल हुई। गोरखा रायफल्स व अपने हैंडलर लांस दफेदार योगेंद्र सिंह के साथ लालम तलाशी अभियान में शामिल थी। असम के बस्का जिले में रंगिया गांव में रास्तों व घरों के तलाशी अभियान के दौरान 26 जुलाई 2019 को लालम ने छिपाकर रखे आइडी को खोज बड़ी संख्या में सैनिकों व आसपास के लोगों की जान बचाई। ज्ञात हो कि 28 जुलाई को आतंकी संगठन उल्फा शहीद दिवस के तौर पर मनाती है और इस दिन व बड़े धमाके की फिराक में रहते हैं।
जेम ने खोजे आतंकी के पदचिन्ह
लालम के साथ ही इस साल पांच फौजी श्वानों को सम्मान दिया गया है। फौजी श्वान जेम को आर्मी चीफ कमेंडेशन कार्ड मिला है। वह 55 राष्ट्रीय रायफल्स के साथ काउंटर टेररिस्ट स्क्वाड का हिस्सा है। सेना के ऑपरेशन में दो आतंकियों के ढेर होने के बाद एक फरार था। जख्मी आतंकी के खून की गंध से जेम ने उसे खोजा और सेना ने उसे मार गिराया। दूसरे लेब्रोडोर रॉश को उत्तरी आर्मी कमांडर के कमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया है। रॉश ने पिछली मई में कश्मीर में एक ऑपरेशन के बाद छिपे आतंकी को खोज निकाला था।
मुस्सी व डंबो को भी मिला सम्मान
उत्तर-पूर्व में लालम के साथ ही मुस्सी व डंबो को भी पूर्वी कमांडर से कमेंडेशन कार्ड मिला है। मुस्सी ने मणिपुर में इम्फाल से मोरेह को जोड़ने वाली एनएच 102 पर असम रायफल्स के साथ विस्फोटक खोजा था। डंबो ने पिछले सितंबर में इम्फाल में हाईवे के किनारे रखे गए विस्फोटक को खोजा था। सभी फौजी श्वानों को गणतंत्र दिवस पर उनकी यूनिटों में मिले सम्मान से नवाजा जाएगा।
यह है कमेंडेशन कार्ड
भारतीय सेनाओं के तीनों विंग व्यक्तिगत तौर पर वीरता का प्रदर्शन, प्रतिष्ठित सेवा या सेवा के प्रति समर्पण के लिए कमेंडेशन कार्ड दिया जाता है। इसमें एक बैज मिलता है जिस पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से लेकर आर्मी कमांडर तक लिखा जाता है। यह वीरता पुरस्कार के ही समान होता है। इसे सैनिकों के साथ ही फौजी श्वानों को भी दिया जाता है।