बारिश ने धो दिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के अरमान
बारिश ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के जल्द शुरू होने के अरमानों पर पानी फेर दिया है। परतापुर तिराहा व उसके आसपास साइट पर काम बंद होने से सन्नाटा पसरा हुआ है। मशीने जहां-तहां खड़ी हुई हैं। इंजीनियर और श्रमिक विश्राम की मुद्रा में हैं।
मेरठ, जेएनएन : बारिश ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के जल्द शुरू होने के अरमानों पर पानी फेर दिया है। परतापुर तिराहा व उसके आसपास साइट पर काम बंद होने से सन्नाटा पसरा हुआ है। मशीने जहां-तहां खड़ी हुई हैं। इंजीनियर और श्रमिक विश्राम की मुद्रा में हैं।
दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा की वजह से स्ट्रक्चर का काम भी रुक गया था, जो अभी भी विधिवत शुरू नहीं हो पाया है।
परतापुर तिराहे पर अंडरपास तैयार हो रहा है। कांवड़ यात्रा की वजह यहां काम रोक दिया गया था। कई दिन पहले कांवड़ यात्रा पूर्ण हो चुकी है, लेकिन काम बंद है। दिखाने के लिए दो-तीन श्रमिक यहां काम में जुटे हैं। अभी दो अंडरपास और बनने हैं। इनका काम ही शुरू नहीं हो पाया है। तिराहे से थोड़ा आगे एक ओवरब्रिज निर्माणाधीन है, वहां काम दिखाई नहीं दे रहा है। ओवरब्रिज के पास भूड़ बराल में रेलवे ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। यहां मशीने हैं न ही श्रमिक और इंजीनियर दिखाई दे रहे हैं। पूरी तरह से काम बंद है। लाइन के दूसरी ओर पाइल का निर्माण कुछ दिन पहले चल रहा था। अब वहां भी काम बंद है। एक इंजीनियर ने बताया कि मिट्टी का काम तब शुरू हो पाएगा जब बारिश कुछ दिनों के लिए बंद रहेगी। हालांकि स्ट्रक्चर की तो वह बारिश में चलता रहता है। स्ट्रक्चर का थोड़ा बहुत काम शुरू कर दिया गया है, जल्द ही कार्य रफ्तार पकड़ लेगा।
दर्जनों परिवार सीलिंग कार्रवाई को लेकर खौफ में
मेरठ, जेएनएन : आवास विकास परिषद ने जागृति विहार स्थित कुंज विहार कालोनी में अवैध रूप से निर्मित फ्लैटों पर सील लगाने को लेकर प्रशासन से फोर्स की मांग की है। परिषद ने 10 दिन पूर्व चस्पा किए गए नोटिस में चार अगस्त तक फ्लैटों को खाली करने की चेतावनी दी थी। कुंज विहार स्थित बी 31, 32 पर जिन फ्लैटों पर परिषद कार्रवाई करने को लेकर जोरशोर से तैयारी कर रहा है यह स्थिति दो पक्षों के बीच आपसी टकराव के चलते हो रही है। इसके पहले शास्त्रीनगर पीवीएस रोड स्थित एफ 69 पर बनी बेकरी और जागृति विहार स्थित व्यावसायिक भूखंड संख्या सात कॉम वन सेक्टर सात पर नोटिस चस्पा किया था। मगर उन पर कोई कार्रवाई करने की बजाए सबसे पहले उनको निशाना बनाया जा रहा है जहां पर एक दर्जन परिवार रह रहे हैं।
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