33 करोड़ के विकास कार्यो को स्वीकृति, 'खेल' पर रहेगी नकेल
अवस्थापना विकास निधि और 14वें राज्य वित्त आयोग से शहर में होने वाले विकास कार्यों में नगर निगम के अधिकारी खेल नहीं कर सकेंगे। गुरुवार को आयुक्त सभागार में हुई बैठक में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने विकास कार्यो के लिए सशर्त स्वीकृति प्रदान की है।
मेरठ । अवस्थापना विकास निधि और 14वें राज्य वित्त आयोग से शहर में होने वाले विकास कार्यों में नगर निगम के अधिकारी खेल नहीं कर सकेंगे। गुरुवार को आयुक्त सभागार में हुई बैठक में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने विकास कार्यो के लिए सशर्त स्वीकृति प्रदान की है।
आयुक्त सभागार में कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम अधिकारियों ने कुल 44 करोड़ के प्रस्ताव बैठक में रखे थे। लेकिन 14वें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत 24.85 करोड़ रुपये और अवस्थापना निधि में 6.45 करोड़ रुपये ही खाते में थे। जिसमें कुल 33.16 करोड़ के 28 कार्यो पर सशर्त स्वीकृति प्रदान की गई। दस फीसदी अधिक धनराशि के कार्यो की स्वीकृति को लेकर नगर निगम अधिकारियों का तर्क रहा कि अतिरिक्त धनराशि मिल जाएगी। 14वें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत अधिकतर कार्य जलनिकासी से संबंधित हैं। जिसमें कई बड़े नालों का निर्माण और छोटे नाले और पुराने जर्जर नालों की मरम्मत का कार्य शामिल है। वहीं, अवस्थापना विकास निधि के 6.45 करोड़ रुपये की धनराशि के सापेक्ष जलापूर्ति से संबंधी 3.79 करोड़ के तीन प्रस्ताव जलकल विभाग ने रखे। कमिश्नर ने इनकी स्वीकृति देते हुए कहा कि जहां पर स्टेबलाइजरों को लगाया जाना है। वहां पर विद्युत विभाग से जांच कराई जाएगी। नाली एवं इंटर लॉकिंग टाइल्स, नालों पर डेंस के कार्य, सीसी टाइल्स कार्य के 2.63 करोड़ के पांच प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की। लेकिन तीन प्रस्तावों को दोबारा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहीं सिविल लाइंस क्षेत्र के कार्य पर सहमति नहीं दी। बैठक में महापौर सुनीता वर्मा, जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, नगर आयुक्त मनोज चौहान, अपर नगर आयुक्त अमित सिंह समेत लोक निर्माण, जल निगम और नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
दो दिन में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
नाला निर्माण के कई कार्यो में आपत्तियां होने के कारण कमिश्नर ने सशर्त स्वीकृति देते हुए कहा कि पक्के नालों के निर्माण शुरू करने से पहले जल निगम के अधिकारियों के साथ नालों की डिजाइन एवं पानी के लेवलिंग की वस्तुस्थिति का स्थलीय परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने दो दिन में बैठक कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि वर्षा के दौरान जल निकासी में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
कमिश्नर ने तलब की तीन साल की रिपोर्ट
पिछले तीन साल में अवस्थापना विकास निधि से कराए गए कार्यो की रिपोर्ट कमिश्नर ने नगर निगम के अधिकारियों से तलब की है। ताकि यह मालूम हो सके कि शहर के किन-किन वार्डो में विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च हुई है। कमिश्नर ने कहा कि कई वार्डो से शिकायतें मिली हैं कि उनके यहां चार-पांच साल से कोई कार्य नहीं कराया गया है। नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि उन स्थानों को चिह्नित किया जाए जहां पर कई वर्षो से कोई कार्य नहीं हुआ है। फिर उसी अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। यह भी निर्देश दिया कि अधिकारी अगली बैठक में जो भी प्रस्ताव रखेंगे। उसके साथ उन स्थानों एवं स्थलों के चित्र भी साथ लेकर आएंगे।
इन कार्यो को मिली स्वीकृति:--
- 4.19 करोड़ से होगा मलियाना पुल से मंडी समिति तक आरसीसी नाला निर्माण ।
- 1.48 करोड़ से होगा जानवरों के अस्पताल से हंस चौराहे तक आरसीसी नाला निर्माण ।
- 3.05 करोड़ से होगा नूर नगर पुलिया से सरस्वती लोक कालोनी दिल्ली मेवला फ्लाईओवर तक आरसीसी नाला निर्माण ।
- 1.99 करोड़ से होगा वार्ड 28 में आरसीसी निर्माण एवं पुलिया का निर्माण।
- 2.70 करोड़ से होगा डोरली पुल से रेलवे लाइन तक आबू नाले की आरसीसी रिटेनिंग वॉल का निर्माण ।
- 3.43 करोड़ से होगा मोदीपुरम फ्लाईओवर से डोरली पुल आरसीसी नाला निर्माण ।
- 1.05 करोड़ से होगा नई बस्ती लल्लापुरा में नलकूल और राइजिंग मेन लाइन का कार्य।
- 4.80 लाख से नलकूपों पर 60 केवीए क्षमता के आटोमेटिक सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर का कार्य।