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जुनून के दम पर अनूप-मुकेश ने पूरी की अल्ट्रा मैराथन

मेरठ के अनूप और मुकेश ने कठिन माने जानी वाली अल्ट्रामैराथन को 12 घंटे में पूरा किया। अल्ट्रामैराथन दुनिया की सबसे ऊंचाई वाले स्थान लद्दाख की चोटी पर आयोजित की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 05:20 PM (IST)
जुनून के दम पर अनूप-मुकेश ने पूरी की अल्ट्रा मैराथन
जुनून के दम पर अनूप-मुकेश ने पूरी की अल्ट्रा मैराथन

मेरठ। बेहद कठिन माने जाने वाली अल्ट्रामैराथन को कंकरखेड़ा के अनूप सिसौदिया और उनके जीजा न्यू मोहनपुरी निवासी मुकेश सोमाल ने पूरा किया है। 72 किलोमीटर की इस मुश्किल दौड़ को उन्होंने 12 घंटे में पूरा किया।

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अल्ट्रामैराथन दुनिया की सबसे ऊंचाई वाले स्थान लद्दाख की चोटी पर आयोजित की जाती है। पूरे विश्व से इस मुकाबले में 170 लोगों का चयन हुआ था, जिसमें से 148 प्रतिभागियों ने मुकाबले में हिस्सा लिया। 118 प्रतिभागियों ने निर्धारित समय में अल्ट्रामैराथन को पूरा करने में सफलता हासिल की। उनमें अनूप सिसौदिया और सीए मुकेश सोमाल शामिल हैं।

भारी बारिश और बर्फबारी में हुई दौड़

सात सितंबर को लद्दाख से 72 किलोमीटर दूर खारदुंगला गांव से अल्ट्रामैराथन शुरू हुई थी। अनूप ने बताया कि रात तीन बजे से दौड़ शुरू हुई। खारदुंगला गांव 13 हजार 500 मीटर फीट ऊंचाई पर है। यहां से दौड़ते हुए 18 हजार 400 मीटर ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला टॉप पर पहुंचना था। 32 किलोमीटर की इस दुर्गम ऊंचाई तक पहुंचने के लिए आठ घंटे का समय दिया गया था। खारदुंगला टॉप से साउथ पुलु के 16 किलोमीटर की दूरी को पूरी करने के लिए ढाई घंटे का समय मिला। कुल 72 किमी की इस दौड़ को 14 घंटे में पूरा करना होता है, जिसे उन्होंने 12 घंटे 45 मिनट में पूरा किया। जबकि मुकेश सोमाल ने 12 घंटे 30 मिनट में दौड़ पूरी की। अनूप बताते हैं इस बार का अल्ट्रामैराथन सबसे मुश्किल था। भारी बारिश और बर्फबारी के बीच शून्य से चार डिग्री नीचे के तापमान पर दौड़ लगानी पड़ी। रास्ते में बहुत से प्रतिभागी मौसम की मार को नहीं झेल पाए, और लौट गए।

पत्नी से मिली चुनौती

अपनी फिटनेस के लिए छोटी-छोटी दौड़ लगाने वाले अनूप दिल्ली में एक बीमा कंपनी में कार्यरत हैं। वह बताते हैं कि शौक के चलते 2015 से उन्होंने मैराथन में हिस्सा लेना शुरू किया। इससे पहले दिल्ली और मुंबई में हुए हाफ मैराथन में शिरकत की थी। पत्नी मोनिका सिसौदिया ने सबसे मुश्किल अल्ट्रामैराथन में हिस्सा लेने के लिए चैलेंज दिया था, जिसे अब पूरा किया।

ऐसे हुआ था चयन

सालभर में दो फुल मैराथन पांच घंटे में पूरी करने वाले प्रतिभागी का ही इसमें चयन होता है। दोनों ने इससे पहले दिल्ली और मुंबई में आयोजित मैराथन में हिस्सा लिया था, जिसे उन्होंने पांच घंटे में पूरा कर लिया था। इसके बाद उनका चयन हुआ।


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