प्रियंका गोस्वामी के बाद ओलंपिक कोटा पाने की रेस में मेरठ की एक और धावक
प्रियंका गोस्वामी के बाद मेरठ की एक और धावक ज्योति गोस्वामी भी ओलंपिक कोटा हासिल करने की दौड़ में शामिल हैं। भुवनेश्वर में हुए वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल में चयनित हुई ज्योति का लक्ष्य चंडीगढ़ में होने जा रहे ओलंपिक क्वालीफाइंग चैंपियनशिप में भी सफलता हासिल करना है।
[अमित तिवारी] मेरठ। 20 किमी पैदल चाल में ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी मेरठ की अंतरराष्ट्रीय एथलीट प्रियंका गोस्वामी के बाद मेरठ की एक और धावक ज्योति गोस्वामी भी ओलंपिक कोटा हासिल करने की दौड़ में शामिल हैं। भुवनेश्वर में हुए वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल में चयनित हुई ज्योति का लक्ष्य 15 मार्च से चंडीगढ़ में होने जा रहे ओलंपिक क्वालीफाइंग चैंपियनशिप में भी सफलता हासिल करना है। ज्योति ने एक साल से भी अधिक समय से अपने वाट्सएप की डीपी पर ओलंपिक क्वालीफसइंग स्टैंडर्ड को ही लगा रखा है जिससे वह दिन अपने लक्ष्य को याद रख सकें और उन्हें संदेश भेजने वाले भी उन्हें याद दिलाते रहें कि उनका लक्ष्य भेदना अभी बाकी है। परिवार में आर्थिक तंगी के बावजूद पूरा परिवार ज्योति के साथ हर कदम खड़ा रहा और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
एंट्री स्टैंडर्ड को सामने रख की तैयारी
ज्योति प्रोफेशनल धावक हैं। वह पांच व 10 किलोमीटर के इवेंट में हिस्सा लेती हैं। टोक्यो ओलंपिक गेम्स के लिए निर्धा्ररित न्यूनतम एंट्री स्टैंडर्ड में पांच किमी के लिए 15.10 मिनट और 10 किलोमीटर के लिए 31.25 मिनट का समय निर्धारित है। इसी लक्ष्य को भेदने के लिए निरंतर प्रयास कर रहीं ज्योति अब 15 मार्च से होने जा रहे क्वालीफाइंग राउंड में पूरा जोर लगाने को तैयार हैं। ज्योति के अनुसार उनका वर्तमान प्रदर्शन अभ्यास के दौरान इस मानक के करीब पहुंच चुका है। उन्हें थोड़ी और रफ्तार बढ़ाकर निर्धारित समय के भीतर दौड़ पूरी करनी है। उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार वह अपने इस प्रयास में सफल भी होंगी।
वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए हुई चयनित
वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 के लिए ट्रायल प्रतियोगिता सात से 10 मार्च तक भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में हुई जिसमें ज्योति ने पांच व 10 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लिया। यूनिवर्सिटी वल्र्ड गेम्स 2021 का आयोजन 18 से 29 अगस्त तक चीन में होगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से प्रतिभाग करते हुए ज्योति ने दोनों ही इवेंट में वल्र्ड यूनिवर्सिटी के लिए निर्धारित न्यूनतम मानक से पहले पहुंचकर टीम में स्थान बनाने में सफल रहीं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ज्योति बीपीएड कर रही हैं और वर्तमान में द्वितीय वर्ष में हैं। वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए पांच किमी के लिए 17:30 मिनट और 10 किमी के लिए 35 मिनट का न्यूनतम समय निर्धारित था। ज्योति ने अपनी पांच किमी दौड़ 40 सेकेंड और 10 किमी दौड़ 20 सेकेंड पहले पूरी कर ली।
लाकडाउन में रास्तों पर दौड़ी ज्योति
मेरठ में जयसिंहपुर नंगला गुसाई गांव की रहने वाली ज्योति गोस्वामी के पिता सुभाष गिरी किसान है। परिवार में पांच बहनों और दो भाइयों के बीच ज्योति को सभी खेल में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करते हैं लेकिन परिवार की आर्थिक हालत खराब है। बावजूद इसके ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी और अपने बेहतरीन प्रदर्शन को अब तक कायम रखते हुए आगे बढ़ रही हैं। ज्योति ने साल 2020 में भी आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। ओडिशा में हुए प्रथम खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी पांच व 10 किमी में स्वर्ण पदक जीता। साल 2012 से दौड़ लगा रही ज्योति ने पूरे लाकडाउन में रांची में रहते हुए रोड पर दौड़कर अभ्यास किया। अभ्यास के लिए एक महीने पहले ही ग्राउंड मिला तो ज्योति ने भी पूरा जोर लगा दिया। सौ मीटर और रिले दौड़ में ओलंपिक पदक विजेता ओलंपियन संजय घोष के मार्गदर्शन और सहयोग से ज्योति अपनी तैयारी कर रही हैं। ज्योति अपने परिवार को आर्थिक मदद करना चाहती हैं लेकिन इसके लिए उन्हें खेल कोटे से नौकरी का इंतजार है।
सहारनपुर मैराथन में जीता था स्वर्ण
सहारनपुर मंडल की ओर से चार नवंबर 2020 को मुजफ्फरनगर में आयोजित गंगा हाफ मैराथन में 10 किलोमीटर दौड़ में ज्योति गोस्वामी महिला वर्ग में सबसे तेज दौड़ीं और प्रथम स्थान प्राप्त किया था। 10 किलोमीटर की दौड़ ज्योति ने 35:05 मिनट में पूरा किया था। । ज्योति की रफ्तार कई पुरुष धावकों से भी तेज रही। 21 जनवरी 2018 में छावनी में सेना की ओर से आयोजित हाफ मैराथन के साथ 10 किमी पुरुष वर्ग की दौड़ में प्रथम विजेता रायफलमैन एल. सिंह ने 36:07 मिनट में पूरी की थी। वहीं 21 जनवरी 2017 को पाइन डिव और दैनिक जागरण की ओर से आयोजित मिनी मैराथन की 10 किमी दौड़ में महिला वर्ग की विजेता ज्योति पाल ने दौड़ 43:48 मिनट में पूरी की थी।