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LockDown 3.0 in UP: सहारनपुर में डीआइजी बोले- मैं भी बिहार का हूं और शांत हो गया बवाल

अपने घरों को लौटने के लिए इंतजार कर रहे बिहार के कामगारों का सब्र सहारनपुर में उस वक्‍त छलक गया जब उन्‍हें पता चला कि उनके लिए ट्रेन नहीं है। उसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 08:44 AM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 12:25 PM (IST)
LockDown 3.0 in UP: सहारनपुर में डीआइजी बोले- मैं भी बिहार का हूं और शांत हो गया बवाल
LockDown 3.0 in UP: सहारनपुर में डीआइजी बोले- मैं भी बिहार का हूं और शांत हो गया बवाल

सहारनपुर, जेएनएन। एक ओर सरकार जहां देशभर में लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गतंव्‍य तक सही सलामत पहुंचाने के लिए जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है, वहीं लंबे से समय से अपने अपने घर जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे कामगारों का धैर्य भी जवाब देने लगा ।

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कामगारों का गुस्‍सा बढ़ता देख डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल आगे आए। उन्‍होंने हंगामा कर रहे कामगारों से कहा क‍ि वह भी तो बिहार के ही है। इसके बाद कामगरों का गुस्‍सा काफी हद तक शांत हुआ। इसके बाद कामगारों की मांग पर अधिकारियों ने उन्‍हें आगे बस से भेजने का न‍िर्णय ल‍िया। डीआइजी ने बताया क‍ि कामगारों को भेजने के लिए करीब 150 बसें मंगाई जा रही हैं।

इसी कड़ी में रविवार को सहारनपुर में अपने घरों के लिए रवाना होने के लिए पूरी तैयारी कर रखी बिहार के कामगारों को जब यह पता चला कि उनके लिए अब ट्रेन नहीं चलेगी तो बड़ी संख्‍या में बिहार खासकर कटिहार क्षेत्र के कामगार लाठी और डंडों से लैस होकर सड़कों पर उतर आए, बस उसके बाद तो गुस्‍साए सैंकड़ों कामगारों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में इन कामगारों को छोड़ने के लिए प्रशासन ने 150 बसों को बुलाया है।  

कई दिन पैदल चलकर यहां तक पहुंचे

पंजाब और जम्‍मू कश्‍मीर सहित कई अन्‍य क्षेत्रों से पांच दिन तक पैदल चलने के बाद सहारनपुर पहुंचे इन कामगारों को जब यह पता चला कि अब उनके लिए ट्रेन नहीं तो उनका सब्र टूट गया। स्‍टशेन की ओर बढ़ रहे इन कामगारों ने रास्‍तें में वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए उनके शीशे तक तोड़ डाले। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे जिले के वरिष्‍ठ अफसरों ने इन कामगारों को समझाने का प्रयास किया। सुबह सात से ही यहां पर हंगामे के हालात थे। कामगारों ने मीडिया से बातचीत में पुलिस प्रशासन पर भी असहयोग का आरोप लगाया है।

एसएसपी सहित कई अफसर मौके पर पहुंचे

कई क्षेत्रों से आए बिहार के प्रवासी कामगार सहारनपुर में राधा स्वामी सत्संग भवन में कई दिनों से रुके हुए हैं। सभी के सब्र का बांध रविवार सुबह सात बजे टूट गया और सैकड़ों लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़क पर आ गए और रेलवे स्टेशन की तरफ चल पड़े। प्रदेश सरकार व प्रशासन के खिलाफ हंगामा करते हुए सभी का आरोप था कि अब उनके लिए अगली ट्रेन नहीं चलेगी। एसएसपी कई थानों का फोर्स लेकर मौके पर पहुंच गए लेकिन तब तक नाराज प्रवासी राधा स्वामी सत्संग भवन से हंगामा करते हुए अंबाला हाईवे पर पीएनटी सेंटर के निकट पहुंच गए। हाथों में डंडे लेकर अंबाला रोड से सहारनपुर की ओर जा रहे प्रवासियों ने बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कुछ वाहनों के शीशे भी तोड़े।

ज्‍यादातर कामगार कटिहार के

दरअसल राधा स्वामी सत्संग व्यास वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा कामगार आश्रय स्थल है, जहां से अब तक हजारों की संख्या में कामगार आकर जा चुके हैं, अभी भी बड़ी संख्या में यहां पर बिहार के कामगार ठहरे हुए थे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरे के अंदर से निकल कर बाहर गेट पर पहुंचे बिहार के कामगारों में ज्यादातर बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं । इनका कहना है कि वह पिछले 6 दिन से यहां ठहरे हुए हैं, मगर उन्हें भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।

बसों से भेजने का किया इंतजाम 

सुबह से जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे बिहार के लोगों का कहना था कि उन्हें ट्रेन से घर नहीं जाना उनके लिए बस यही मंगाई जाए। इसके बाद प्रशासन ने पीएनटी सेंटर पर ही बसों को बुलाना शुरू किया और यात्रियों को बसों में बैठना शुरू कर दिया है। बिहार के यात्रियों को छोड़ने के लिए प्रशासन ने 150 बसों को बुलाया है।  डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने कामगारों से खुद बिहारी होने का हवाला देकर किया था लोगों को शांत। उसके बाद ही लिया गया था बस उसके भेजने का निर्णय। सभी यात्रियों को बसों में भरकर यूपी की सीमा गोरखपुर व चंदौली उन्हें छोड़ा जाएगा। 


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