सहारनपुर के देवबंद में हाईवे पर एंबुलेंस बनी आग का गोला, वहां से गुजर रहे राकेश टिकैत भी मदद के लिए रुके
Fire In Ambulance सहारनपुर के देवबंद में शुक्रवार की देररात बड़ा हादसा टल गया। यहां हाईवे पर एक एंबुलेंस में अचानक आग लग गई। एंबुलेंस चालक व हेल्पर ने कूद कर अपनी जान बचाई। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी पुलिस से ली घटना की जानकारी।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। सहारनपुर के देवबंद में स्टेट हाईवे स्थित फ्लाईओवर पर शुक्रवार की देररात को एक एंबुलेंस में भीषण आग लग गई। गनीमत रहेगी एंबुलेंस में कोई मरीज नहीं था। एंबुलेंस चालक व हेल्पर ने कूद कर अपनी जान बचाई। इस दौरान वहां से गुजर रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौके पर रुके और जानकारी ली।
चालक और हेल्पर ने ऐसे बचाई जान
शुक्रवार की रात्रि करीब 9.30 बजे सहारनपुर से मुजफ्फरनगर जा रही स्वास्थ्य विभाग की एबुलेंस देवबंद में फ्लाईओवर के ऊपर चढ़ने के दौरान अचानक आग का गोला बन गई। धुआं व लपटें उठती देख चालक व हेल्पर नीचे कूद पड़े। पुलिस को घटना की जानकारी दी गई तो सीओ रामकरण तुरंत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जानकारी पर दमकल विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए।
यह बताया सीओ ने
सीओ रामकरण ने बताया कि संभवत एंबुलेंस में घर्षण या फिर तारों की टचिंग होने के चलते आग लगी होगी। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। हां अलबत्ता एंबुलेंस आग लगने पर पूरी तरह से जल गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आग लगने की घटना के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी वहां से गुजर रहे थे। टिकैत ने वहां कुछ देर अपनी गाड़ी रूकवाकर पुलिस से घटना की जानकारी ली। बाद में टिकैत मुजफ्फरनगर की तरफ रवाना हो गए।
राज्यमंत्री से देवबंद में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग
देवबंद : नगर उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष व सभासद मनोज सिंघल ने लोनिवि राज्यमंत्री बृजेश सिंह को ज्ञापन देकर चोरी व आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने को नगर में 100 सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। शुक्रवार को राज्यमंत्री बृजेश सिंह को दिए ज्ञापन में कहा गया कि नगर में आएदिन अपराधिक वारदातें होती रहती हैं। तीन वर्ष पूर्व एक सभासद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसका खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ था। ऐसे में नगर में सीसीटीवी कैमरों का लगना जरूरी है। नगरपालिका ईओ को निर्देशित कर 100 सीसीटीवी कैमरे पुलिस को सौंपे जाएं ताकि शहर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रह सके।