शहर में गली-गली जाम..मुश्किल हो गया सफर
बदइंतजामी के कारण शहर की सड़कों पर चलना अब मुश्किल हो गया है। बुधवार को भी भीषण जाम ने रफ्तार पर ब्रेक लगाए रखा। भैंसाली डिपो से लेकर बेगमपुल तक तो हालात विकट रहे। सोतीगंज में अतिक्रमण के चलते व्यवस्था चौपट रही।
मेरठ। बदइंतजामी के कारण शहर की सड़कों पर चलना अब मुश्किल हो गया है। बुधवार को भी भीषण जाम ने रफ्तार पर ब्रेक लगाए रखा। भैंसाली डिपो से लेकर बेगमपुल तक तो हालात विकट रहे। सोतीगंज में अतिक्रमण के चलते व्यवस्था चौपट रही।
दिल्ली रोड स्थित रेलवे रोड चौराहा, केसरगंज, भैंसाली डिपो, सोतीगंज से लेकर बेगमपुल तक सुबह से ही रफ्तार धीमी पड़ गई थी। विशेषकर, सोतीगंज में तो दिनभर जमघट लगा रहा। दुकानों के बाहर फुटपाथ तो क्या, सड़कों पर ही कब्जा किया गया है। अतिक्रमण के कारण सड़क इतनी संकरी हो गई है कि वाहनों का निकलना दूभर हो गया है। यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण लोगों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूलों की छुट्टी के बाद तो ज्यादा हालत खराब रही। इसी तरह जीरो माईल, बेगमपुल, गढ़ रोड, हापुड़ अड्डा, भूमिया का पुल, एल ब्लॉक आदि स्थानों पर भी दिन में कई बार यातायात प्रभावित हुआ। जाम से जूझने वाले लोगों का कहना है कि शहर में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। अधिकारी आराम फरमा रहे हैं और टेंपो व ई-रिक्शा चालकों की मनमानी के अलावा अतिक्रमणकारियों ने जीना मुहाल कर दिया है। एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे पुलिस-निगम अधिकारी
यातायात पुलिस खुद को पाक-साफ बताते हुए नगर निगम पर जाम का ठीकरा फोड़ रही है। उसका कहना है कि अतिक्रमण हटाना निगम का काम है। ट्रैफिक पुलिस चालान कर सकती है, जबकि निगम ठेला-पटरी व दुकानदारों से जुर्माना वसूल रहा है। व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे फुटपाथों को बेच रखा है, जहां ठेला-पटरी वाले खड़े होते हैं। एक भी फुटपाथ ऐसा नहीं है, जहां अतिक्रमण ना हो। जाम की बड़ी वजह फुटपाथ खाली नहीं होना भी है। उधर, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यातायात पुलिस की लापरवाही के कारण जाम लगता है। इन्होंने कहा--
अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार निगम से टीम मांगी गई है, जो नहीं दी गई। जब निगम उनसे जुर्माना वसूल रहा है तो फिर सड़कों से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है। पुलिस अपने स्तर पर यातायात सुचारू करने का पूरा प्रयास करती है।
-संजीव कुमार बाजपेयी, एसपी-यातायात