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सपा-बसपा गठबंधन: इतनी सीटों पर भी मान सकते हैं छोटे चौधरी

सपा-बसपा ने गठबंधन कर सीटों का बंटवारा कर लिया, लेकिन रालोद को तन्हा छोड़ दिया। रालोद के लिए सीटों की स्थिति साफ नहीं की। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव इसमें पहल कर सकते हैं।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 02:18 PM (IST)
सपा-बसपा गठबंधन: इतनी सीटों पर भी मान सकते हैं छोटे चौधरी
सपा-बसपा गठबंधन: इतनी सीटों पर भी मान सकते हैं छोटे चौधरी
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। सपा-बसपा के साथ आने से सूबे की सियासी आबोहवा बदल गई है। भाजपा और कांग्रेस जहां चुनावी रणनीति को नए सिरे से धार देंगे, वहीं छोटे दलों में असमंजस बढ़ गया है। गठबंधन के मौसम में तन्हा नजर आ रहा रालोद नए फार्मूले के साथ इसमें शामिल होने का मुहूर्त तलाश रहा है। इसके अंतर्गत एक सीट पर सिंबल रालोद का, जबकि उम्मीदवार सपा का होगा। अंतिम मोहर अखिलेश यादव लगाएंगे। उधर, रालोद के भाजपा के साथ जाने की गुंजाइश पर सन्नाटा छाया हुआ है।
नल का फंसा सियासी कल
पश्चिमी उप्र में रालोद का बड़ा सियासी रसूख रहा है, किंतु 2014 लोकसभा और 2017 विस चुनावों में छोटे चौधरी हारकर हाशिए पर चले गए। सपा-बसपा के गठबंधन में रालोद के शामिल होने की चर्चा लंबे समय से रही है, किंतु शनिवार को लखनऊ में दूसरी राजनीतिक तस्वीर नजर आई। मायावती व अखिलेश ने पुरानी अदावत को भुलाकर हाथ मिला लिया, किंतु इसमें रालोद की स्थिति फंस गई। चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी चार से पांच सीटों पर दावा कर रहे थे, किंतु गठबंधन के बाद उनके हिस्से महज दो सीट बची है।
नीम चबाना पड़ा
सियासी गलियारों में उठ रही चर्चा पर यकीन करें तो रालोद को नीम चबाना पड़ा है। जबकि सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद महासचिव जयंत चौधरी के बीच कई दौर की वार्ता हुई थी। सियासी पंडितों का कहना है कि मायावती गठबंधन से रालोद को दूर रखना चाहती हैं, किंतु उन्हें अखिलेश ने राजी किया। इधर, चार सीटों पर बात नहीं बनी तो रालोद तीन सीटों पर ही राजी हो जाएगा।
प्रत्याशी सपा का और सिंबल रालोद का
कैराना उपचुनाव जीतने के बाद उन्होंने मुजफ्फरनगर एवं बागपत समेत तमाम क्षेत्रों में मेहनत भी की है। किंतु जाटों का बड़ा वर्ग भाजपा के साथ जा चुका है, ऐसे में रालोद को गठबंधन का सहारा लेना पड़ेगा। रालोद पदाधिकारियों की मानें तो बागपत पर जयंत चौधरी और मुजफ्फरनगर से चौ. अजित सिंह चुनाव लड़ेंगे, जबकि पार्टी ने मथुरा और हाथरस पर भी दावा ठोंका है। इसमें एक सीट सपा अपने कोटे से दे सकती है, जबकि एक अन्य सीट पर सिंबल रालोद का, जबकि उम्मीदवार सपा का उतारने की चर्चा है। रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा ने कहा कि गठबंधन में हमारा दल शामिल है। दो दिन में सीटों की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी।

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