Airstrip in meerut : जमीन के इंतजाम का बन रहा प्लान, भरोसा रखें भरेंगे उड़ान Meerut News
मेरठ से हवाई उड़ान जल्द संभव हो सके इसके लिए जमीन की आवश्यकता उपलब्धता और उसके मूल्यांकन का प्रस्ताव जिला प्रशासन तैयार कर रहा है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। मेरठ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण के प्रस्ताव पर मंडरा रहे बादल तो अभी छंटते दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि मौजूदा हवाई पट्टी को विकसित करके छोटे विमान से प्रदेश के शहरों के बीच उड़ान की उम्मीद परवान चढ़ती दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार की उड़ान योजना में मेरठ के शामिल होने तथा मेरठ के लिए एजेंसी का चयन होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए जमीन की आवश्यकता, उपलब्धता और उसके मूल्यांकन का प्रस्ताव जिला प्रशासन तैयार कर रहा है। दावा है कि बहुत जल्द यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।
एएआइ ने दो चरणों में मांगी है 405 एकड़ जमीन
केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत हवाई पट्टी का विस्तार करके छोटे विमान उड़ाने की व्यवस्था की जानी है। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने जुलाई में तीसरी बार मास्टर प्लान नागरिक उड्डयन विभाग को सौंपकर दो चरणों में कुल 405 एकड़ जमीन की मांग की है। पहले चरण में 282 तथा दूसरे चरण में 122 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।
एमडीए और तहसील में चल रहा काम
मेरठ से हवाई यात्र शुरू कराने के प्रयास में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी जुटे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इस पर सीएम के निर्देश पर नागरिक उड्डयन विभाग ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए एमडीए और मेरठ तहसील के अधिकारी जुटे हैं। बाजपेयी ने बताया कि एएआइ के मास्टर प्लान को उक्त क्षेत्र के सिजरे पर सुपर इंपोज करके उसकी जद में आ रहे खसरों की सूची तैयार कर ली गई है। इनकी संख्या, प्रत्येक खसरे की जमीन, जमीन के मालिकों के नाम का विवरण तैयार है। नमूने के तौर पर कुछ खसरों और उनके क्षेत्रफल का मौके पर सत्यापन कराने का काम किया जा रहा है।
30 मीटर चौड़ी और 1845 मीटर लंबी बनेगी हवाई पट्टी
मेरठ की मौजूदा हवाई पट्टी 23 मीटर चौड़ी है और 1513 मीटर लंबी है। इस हवाई पट्टी को 72 सीटर विमान के मानक के मुताबिक 30 मीटर चौड़ा और 1845 मीटर लंबा करना होगा। हवाई पट्टी के दोनों ओर 75-75 मीटर चौड़ी कच्ची जमीन चाहिए ताकि हादसे की स्थिति में क्षति कम से कम हो सके।
इस सप्ताह तैयार हो जाएगा प्लान
जमीन खरीदने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शासन को दो सुझाव दिए जाएंगे। पहला, किसानों से वार्ता करके आपसी सहमति से जमीन का बैनामा करा लिया जाए। दूसरा, नई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के माध्यम से सर्किल रेट से दो और चार गुना राशि का भुगतान करने का सुझाव है। जमीन कैसे लेनी है इसका निर्णय सरकार करेगी।
इनका कहना है
उड़ान मेरठ के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। लेकिन इसमें जमीन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती है। इसके बाद मेरठ से उड़ान भरने में समय नहीं लगेगा। 18 सीटर विमान उड़ाने के लिए फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और सुरक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से दे सकती है। वहीं, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया आठ-दस दिन में अस्थाई एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम चालू कर लेता है।
- डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
हवाई पट्टी के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर डीएम से भूमि की आवश्यकता, उपलब्धता, किसानों की सहमति और इसके मूल्यांकन के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। इसे तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सरकार के निर्देश के मुताबिक जमीन की व्यवस्था की जाएगी। छोटे विमान की उड़ान शुरू होने से ही पश्चिम क्षेत्र को खासा लाभ मिलेगा।
- अनीता सी. मेश्राम, कमिश्नर