Move to Jagran APP

Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी पर आज अमृत सिद्धि योग, मेरठ के ज्योतिषाचार्य ने बताई पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2021 माताओं के लिए आज का दिन खास है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत ने बताया कि अहोई अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5.39 बजे से 6.56 बजे तक रहेगा। इसकी अवधि एक घंटा 17 मिनट रहेगी। आज के व्रत का खास महत्‍व होता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 03:56 PM (IST)
Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी पर आज अमृत सिद्धि योग, मेरठ के ज्योतिषाचार्य ने बताई पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त
माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए रखेंगी अहोई अष्टमी का व्रत।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Ahoi Ashtami 2021 अहोई अष्टमी कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। गुरुवार को यानी आज माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखेंगी। इस व्रत में अहोई माता के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। दिनभर माताएं निर्जला व्रत रखेंगी। अहोई अष्टमी में माता पार्वती की अहोई माता के रूप में पूजा की जाती है और शाम के समय आकाश में तारे देख अर्घ्य देकर व्रत पारण करेंगी।

loksabha election banner

दोपहर 12.50 बजे से शुरू होगी अष्टमी तिथि

ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत ने बताया कि अहोई अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5.39 बजे से 6.56 बजे तक रहेगा। इसकी अवधि एक घंटा 17 मिनट रहेगी। इस दिन माताएं सूर्योदय से पूर्व स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लेंगी। अहोई माता की पूजा की तस्वीर दीवार या कागज पर बनाकर साथ में सेह और सात पुत्रों का चित्र बनाकर पूजन किया जाता है। अहोई अष्टमी पर सुबह 9.42 बजे गुरु पुष्य नक्षत्र लगेगा, जो पूजन के लिए बेहद खास है। गुरुवार को अमृत सिद्धि योग सुबह 9.42 बजे से शुक्रवार को सुबह 6.25 बजे तक रहेगा। इस बार अष्टमी तिथि गुरुवार दोपहर 12.50 बजे से शुरू होकर शुक्रवार दोपहर 2.09 बजे तक रहेगी।

व्रत का महत्व

सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज का कहना है कि अहोई अष्टमी पर माताएं संतान की लंबी उम्र और उनकी सुख समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। अष्टमी तिथि को माताएं चांदी के मोतियों से बनी माला की पूजा करती हैं। इस माला में हर साल अहोई अष्टमी व्रत के दिन दो मोती जोड़ती हैं। माला में सेह का सात बच्चों के साथ एक लाकेट भी होता है। इसके बाद बच्चों के कल्याण की कामना करते हुए माताएं इस माला को दीपावली तक पहनती हैं। इसके साथ ही माताएं इस दिन चाकू, कैंची और नुकीली चीजों से दूरी बनाकर रहती हैं।

माताओं ने माला में पिरोए मोती

मेरठ : अहोई अष्टमी पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। बुधवार को माताओं ने दिनभर बच्चों के लिए उपहार से लेकर पूजन सामग्री, चांदी के मोती और सेई लाकेट के अलावा करवा, पोस्टर और सींक की खरीदारी की। पहली बार अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली माताओं ने जहां नई चांदी के मोतियों की माला तैयार कराईं। वहीं, पूजन के लिए माताओं ने चांदी के मोती भी खरीदे। इसके अलावा पूजा के लिए अहोई माता का पोस्टर, करवा, सींक और कथा की पुस्तक भी खरीदी।

पूजन के लिए सेई का लाकेट और मोती

सराफा स्थित आरएमपी ज्वैलर्स के निदेशक प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि इस बार दो ग्राम चांदी के मोती का जोड़ा 140 रुपये का है। इसकी कीमत पिछले साल 120 रुपये थी। इसके अलावा सेई का लाकेट 3 ग्राम से 25 ग्राम वजन में उपलब्ध है, जिसकी कीमत 200 से 1500 रुपये तक है। अहोई अष्टमी पर्व पर इन दोनों चीजों की मांग सबसे ज्यादा रहती है।

खूब बिके करवे और पोस्टर

थापर नगर स्थित गणपति मूर्ति कला केंद्र के विक्की प्रजापति बताते हैं कि करवे की सबसे ज्यादा मांग करवाचौथ के बाद अहोई अष्टमी पर रहती है। पोस्टर की कीमत जहां 10 रुपये है, वहीं करवा 20, 25 और 30 रुपये का बिक रहा है। साथ ही दीपावली पूजन के लिए डिजाइनर दीपक की मांग अभी से बढ़ गई है, जिसकी कीमत 30 से 150 रुपये तक है।

अहोई माता और भगवान शिव को लगाए दूध भात का भोग

कार्तिक कृष्ण अष्टमी को मां पार्वती की अहोई माता के रूप में पूजा और व्रत करके माताएं संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं। गुरुवार को माताओं ने अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखा है। इस दिन माताएं सुबह उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं, और शाम को तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। यह व्रत संतान की लंबी उम्र के साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है। इस दिन माताओं को मां पार्वती, भगवान शिव और कार्तिकेय गणेश की पूजा उपासना करनी चाहिए। अहोई माता और भगवान शिव को दूध भात का भोग लगाकर आधा हिस्सा गाय को देना अच्छा रहता है।

व्रत के लाभ और उपाय

ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत का कहना है कि बच्चे को क्रोध आता है, तो अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को लाल पुष्प और चावलों को लाल रंग से रंगकर अर्पित करना चाहिए। इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर बच्चे के कमरे में रख दें इससे बच्चे का गुस्सा कम हो जाएगा। इस दिन माता अहोई को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफेद रंग के फूलों की माला अर्पित करें। साथ ही उन्हें हलवा पुड़ी का भोग भी लगाए। इस व्रत में माताओं को रात में सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इस दिन मिटटी को भी हाथ न लगाए। अहोई माता की कथा सुनते समय सात प्रकार के अनाज हाथ में रखकर ही कथा सुनें। बाद में यह अनाज गाय को खिला दें। अहोई अष्टमी की कथा सुनते समय बच्चों को भी साथ बिठाए और प्रसाद बच्चों को खिलाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.