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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने के आगे फीकी पड़ी मसाले की खेती

नवनीत शर्मा, मेरठ। गन्ने के लगातार बढ़ते उत्पादन ने किसान के साथ सरकार के सामने भी परेशानी

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 03:20 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:20 PM (IST)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने के आगे फीकी पड़ी मसाले की खेती
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने के आगे फीकी पड़ी मसाले की खेती

नवनीत शर्मा, मेरठ। गन्ने के लगातार बढ़ते उत्पादन ने किसान के साथ सरकार के सामने भी परेशानी खड़ी कर दी है। ऐसे में कृषकों को पारंपरिक खेती के साथ अन्य उपज अपनाने और आय बढ़ाने के लिए सरकार ने मसाला क्षेत्र विस्तार योजना शुरू की, लेकिन तमाम सुविधा और अनुदान मिलने के बाद भी पश्चिम के किसान गन्ने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं।

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केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती किसानी में तमाम बदलाव किए हैं। साथ ही कई बड़ी योजनाएं भी शुरू की हैं, लेकिन किसानों का पारंपरिक खेती के प्रति मोह उन्हें किसानी बदलाव से दूर किए हुए हैं। प्रदेश सरकार ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ना, गेहूं और आलू का अधिक उत्पादन देखते हुए यहां के किसानों के लिए मसालों की खेती करने के लिए भी मसाला क्षेत्र विस्तार योजना से जोड़ा गया। पारंपरिक खेती के साथ मसाले की खेती करने के लिए योजना के तहत अनुदान प्रदान करने के साथ अन्य सुविधाएं भी दी गई। लेकिन किसान खेती में बदलाव के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। मेरठ मंडल के साथ सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के जिलों के किसानों की पहली पसंद गन्ना ही है। यहां इस बार भी गन्ने का रकबा पांच प्रतिशत बढ़ गया है।

लहसुन और प्याज उत्पादन पर है जोर

प्रदेश में प्याज और लहसुन की उपज कम होने के कारण बड़ी मात्रा में देश के अन्य राज्यों से आयात होता है। उधर, पश्चिम उत्तर प्रदेश की मिट्टी और यहां का वातावरण प्याज और लहसुन की फसल के लिए अनुकूल है। इसके साथ मिर्च और धनिया की खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है।

मसाला फसल से सबको होगा लाभ

पश्चिम में मसाले की फसल उगाए जाने से सभी को फायदा मिलेगा। गन्ने का रकबा कम होने से अन्य फसलों की उपज बढे़गी, बकाया भुगतान कम होगा, कम समय में फसल तैयार होने से किसान को अधिक लाभ होगा, यहां पैदावार होने से बढ़ती कीमतों पर भी लगाम लग सकेगी।

जिला उद्यान अधिकारी रामबीर राठौर बताते हैं कि जिले के किसानों की पहली पसंद गन्ना ही है, लेकिन कुछ किसान अब मसाला फसल उगाने के लिए तैयार हो रहे हैं। आधा दर्जन किसानों ने प्याज और लहसुन की फसल पिछले सप्ताह ही लगाई है।

अनुदान और सुविधा

40 - प्रतिशत मिलेगा अनुदान

12,000 - प्रति हैक्टेयर मिलेगी सब्सिडी

8 - किसानों ने लगाई मसाला फसल

गन्ना उत्पादन की स्थिति

2.50 - जिले में कुल किसान

1.20 - जिले में गन्ना किसान

7.88 - करोड़ टन इस बार गन्ना उत्पादन

78 - प्रतिशत हुआ बकाया भुगतान


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