डेढ़ घंटे तक मेडिकल में दर्द से कराहती रही वृद्धा
जागरण संवाददाता, मेरठ : मेडिकल कॉलेज में हालात जस के तस हैं। वो भी तब जब दो दिन पूर्व यहा
जागरण संवाददाता, मेरठ : मेडिकल कॉलेज में हालात जस के तस हैं। वो भी तब जब दो दिन पूर्व यहां आयोजित कार्यशाला में देश-विदेश के डाक्टर जुटे थे। डाक्टरों समेत पूरे स्टाफ को मरीजों के बेहतर उपचार की सीख दी गई थी। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। सोमवार को आपातक ालीन विभाग में एक वृद्धा दर्द से कराहती रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। जूनियर डाक्टर परिजनों को टालते रहे और वे यहां वहां भटकते रहे। करीब डेढ़ घंटे बाद मेडिसिन के जूनियर डॉक्टर आए और दर्द की दवा देकर इतिश्री कर ली।
मामला सोमवार दोपहर करीब 1:45 बजे का है। 60 वर्षीय सरवरी पथरी की संभावना के चलते सहारनपुर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर की गई थी। वृद्धा दर्द से कराह रही थी। महिला के परिजनों को स्ट्रेचर तो समय पर मिल गया, पर इलाज के लिए तड़पती रही। परिजन दिलशान ने बताया कि माइनर ओटी में मौजूद एक जूनियर डॉक्टर ने पूछताछ की। रेफर का पर्चा देखा और कहने लगीं कि पथरी के डॉक्टर को दिखाओ। इसके बाद वह चली गई। काउंटर पर बैठी नर्सो से पथरी के डॉक्टर के बारे में पूछा तो मेडिसिन कक्ष भेज दिया। जहां पर जूनियर डॉक्टरों ने सर्जरी कक्ष भेज दिया। सर्जरी कक्ष में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। सवा तीन बजे तक भटकते रहे। जब सर्जरी के डॉक्टर आए तो उन्हें परेशानी बताई। जिसके बाद खुद मेडिसिन के जूनियर डॉक्टर को बुलाकर लाए। तब जाकर मरीज के दर्द का उपचार संभव हो सका। एक्यूट क्रिटिकल केयर कोर्स का ज्ञान भूले
मालूम हो कि इमरजेंसी चिकित्सा को बेहतर बनाने दो दिन पूर्व आपातकालीन विभाग एवं ट्रामा सेंटर में ही देश-विदेश के विशेषज्ञ जुटे थे। एक्यूट क्रिटिकल केयर कोर्स का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय को सीख दी गई थी, लेकिन यह सीख कार्यशाला तक ही सीमित रह गई। इन्होंने कहा--
इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर पूछताछ होगी। ऐसी समस्या के समाधान के लिए जल्द ही इमरजेंसी के गेट पर ही मरीज की एंट्री रजिस्टर पर होने लगेगी। साथ ही डॉक्टर भी बढ़ाए जा रहे हैं। जिससे सुधार आएगा।
डॉ. अजीत चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज