रुपये खर्च करने पर मां ने डाटा तो रचा अपहरण का नाटक
मेरठ, जेएनएन। बैंक से 30 हजार रुपये निकालकर खर्च करने पर मां ने डांटा तो बेटे ने खुद के अपहरण का नाटक रच दिया। स्कूटी और मोबाइल को रोडवेज बस स्टैंड पर लावारिस छोड़कर वह नाना के घर चला गया। पुलिस ने छात्र को 24 घंटे में बरामद कर परिवार वालों को सौंप दिया।
फलावदा निवासी सतीश कुमार मोंगा कपड़ा व्यापारी हैं। उनका बेटा रितिक बीएससी में पढ़ता है। रितिक के बैंक खाते में परिवार के लोगों ने दो लाख रुपये जमा कराए थे। रितिक ने परिवार वालों को बिना बताए इस खाते से 30 हजार रुपये निकालकर खर्च कर दिए। इस पर मां ने उसे डांट दिया। इसके बाद रितिक 24 मई को स्कूटी लेकर घर से निकला और लापता हो गया। स्वजन ने फलावदा पुलिस को इसकी सूचना देकर गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस और परिवार के लोग उसकी तलाश में जुटे थे।
रितिक की स्कूटी और मोबाइल सदर बाजार क्षेत्र में भैंसाली बस स्टैंड पर मिला, जिससे परिवार वालों को रितिक के अपहरण की आशंका हुई। फलावदा पुलिस को भी यह जानकारी दी गई। रितिक को पुलिस ने 25 मई को मवाना में उसके नाना के घर से बरामद कर स्वजन के सुपुर्द कर दिया। रितिक ने स्कूटी और मोबाइल भैंसाली बस स्टैंड पर परिवार वालों को गुमराह करने के लिए छोड़ा था। थाना प्रभारी वरुण शर्मा का कहना है कि परिवार के लोग रितिक से खर्च किए गए 30 हजार रुपये का हिसाब मांग रहे थे, इसलिए उसने खुद के अपहरण का नाटक रचा और नाना के घर चला गया।