RTO का हाल : कंप्यूटर में ही फाइलें हो रही गुम, सैकड़ों ड्राइविंग लाइसेंस अटके Meerut News
संभागीय परिवहन कार्यालय मेरठ में ड्राइविंग लाइसेंस को प्रिंट करने के लिए लखनऊ भेजी जाने वाली फाइल ही गुम हो रही है। आवेदकों को डीएल कार्ड नहीं मिल पा रहे हैं।
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। सरकारी कार्यालयों में बाबुओं द्वारा फाइलें गायब करने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं, लेकिन अब कंप्यूटर में भी फाइलें गुम हो रही हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय मेरठ में ड्राइविंग लाइसेंस को प्रिंट करने के लिए लखनऊ भेजी जाने वाली फाइल ही गुम हो रही है। ऐसे आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन पोर्टल पर दिखाई दे रहे हैं। लेकिन उन्हें अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस का कार्ड नहीं मिल सका है। जैसे-जैसे शिकायतकर्ता आ रहे हैं, उनके लाइसेंस फिर से एप्रूव्ड कर प्रिंटिंग के लिए भेजे जा रहे हैं।
ये मामले सामने आए
केस-एक: विशाल दीप, निवासी सी टू शास्त्रीनगर ने पांच अक्टूबर को लाइसेंस बनवाया था लेकिन आज तक डीएल नहीं मिला।
केस-दो: तेज गढ़ी निवासी जीत सिंह, शास्त्रीनगर ने 21 सितंबर 2019 को लाइसेंस बनवाया था। जो नहीं बना।
केस-तीन: अमन कुमार, निवासी ने भी तीन माह पहले आवेदन किया था। लाइसेंस एप्रूव्ड हो गया लेकिन मिला नहीं।
ऐसे समझे प्रक्रिया..परेशानी के बारे में भी जानें
उक्त मामले एक बानगीभर हैं ऐसे आवेदकों की संख्या लगभग नौ सौ है, जिनके लाइसेंस नहीं मिले हैं। स्थाई लाइसेंस के लिए सारथी भवन में आवेदक का बायोमीट्रिक कराने के बाद ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। पास होने और डाक्यूमेंट की स्क्रीनिंग के बाद लाइसेंस एप्रूव्ड कर दिया जाता है। रोजाना 600 लाइसेंस बनते हैं। जब लखनऊ में बात की गई तो उनके प्रिटिंग के फोल्डर में मेरठ से भेजे गए लाइसेंस मिले ही नहीं। आरआइ के पास दिसंबर और जनवरी माह में जब काफी संख्या में ऐसे लोग आए जिनके लाइसेंस उनके घर के पते पर नहीं पहुंचे तो पता लगा कि 16 सितंबर और पांच अक्टूबर को बनाए गए लाइसेंसों की फाइल लखनऊ पहुंची ही नहीं। जनवरी-फरवरी में भी कई आवेदकों को लाइसेंस नहीं मिला है।
इनका कहना है
जिन आवेदकों की शिकायतें आ रही हैं, उनके लाइसेंस दोबारा से एप्रूव्ड कर फाइल प्रिटिंग के लिए भेजी जा रही हैं। अधिकांश लोगों को लाइसेंस भिजवा दिए गए हैं।
- डा. विजय कुमार, आरटीओ, मेरठ