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मनरेगा को कृषि से जोड़ेंगे, आय दोगुनी करेंगे

मेरठ में हुई कृषि एवं मनरेगा अभिसरण पर कार्यशाला। कृषि उत्पादन आयुक्त ने दिया किसानों को आश्वासन।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 03:59 PM (IST)
मनरेगा को कृषि से जोड़ेंगे, आय दोगुनी करेंगे
मनरेगा को कृषि से जोड़ेंगे, आय दोगुनी करेंगे

मेरठ। केंद्र और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की कवायद तेज कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली व अलीगढ़ मंडलों की कृषि एवं मनरेगा अभिसरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कृषि उत्पादन आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने कहा कि मनरेगा को कृषि से जोड़कर किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।

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सुभारती विवि में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ कृषि उत्पादन आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। डा. कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा को कृषि से जोड़कर किसानों की आय बढ़ाना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्रियों की एक समिति बनाई गई है। हाल ही में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों व मजदूरों की समस्याओं एवं उनका पक्ष मजबूती से रखा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हमें किसानों के साथ बैठकर उनकी राय भी जाननी होगी। इसके लिए लखनऊ, बुंदेलखंड, गोरखपुर व मेरठ में कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।

मनरेगा के 67 कार्य व्यक्तिगत तौर पर लोगों के घर एवं खेत में किए जा सकते हैं। हमें इन्हीं कार्यो को किसानों तक पहुंचाकर लाभ दिलाना है। प्रदेश की जनसंख्या करीब 22.50 करोड़ है। इसमें 2.33 करोड़ किसान परिवार हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस निर्णय लेने होंगे। जिन कुर्सियों पर हम बैठते हैं, उसे किसान बनाता है। उन्होंने रामकुमार वर्मा एक कविता का भी उदाहरण दिया। किसानों की समस्याओं के निस्तारण में उनके स्तर से कोई कमी नहीं रखी जाएगी। इस दौरान डा. कुमार ने निर्मल ¨हडन अभियान के मुख पत्र ¨हडन माटी का विमोचन किया। परिसर में लगी प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों को भी देखा।

कार्यशाला में मुरादाबाद मंडल कमिश्नर अनिल राजकुमार, सहारनपुर कमिश्नर चंद्र प्रकाश त्रिपाठी, मेरठ कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम, कृषि निदेशक सौराज सिंह व अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार व भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत सभी जिलों से आए किसानों ने भी विचार रखे। किसानों ने आय बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। डीएम मेरठ अनिल ढींगरा ने आभार जताया।

फसलों की खरीद व बिक्री को भी डिजिटल से जोड़ें : टिकैत

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि करीब पिछले आठ साल से सरकार को हम सुझाव दे रहे हैं कि कैसे मनरेगा से कृषि को जोड़ा जाए। चार साल पहले भी सरकार से बातचीत हुई। केंद्र सरकार मनरेगा का फंड भी अलग से जारी करे। सरकार किसानों की फसल की गारंटी लें, तभी किसानों की आय दो गुना हो सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि एक एकड़ खेत में करीब 14 हजार रुपए की मजदूरी बनती है। यह धनराशि सीधे किसान के खाते में जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों की किसी भी फसल की निर्धारित दर से कम पर खरीदारी न हो। मंडी में भी कम खरीदारी अपराध घोषित की जाए। विभिन्न योजनाओं की जानकारी गांवों तक जाए तथा फसलों का भुगतान समय से हो। उन्होंने कृषि से जुडे़ 18 विभागों की एक संयुक्त समिति बनाने पर भी बल दिया। समिति यह आकलन करे कि देश में कुल कितनी जमीन है। किसान कितनी जमीन में कौन सी फसल बोते हैं। साथ ही कितनी जनसंख्या है तथा कितनी खपत कौन सी फसल की होती है? तभी सही रिजल्ट निकल सकता है। साथ ही फसलों की खरीद व फसलों की बिक्री का डिजिटल करने का सुझाव भी दिया। यह रहे मुख्य सुझाव

-किसानों को मनरेगा से जोड़ा जाए, मनरेगा की राशि सीधे खातों में जाए। मजदूरी भी बढ़ाएं।

-कृषि कार्य में लगे भूमि हीन किसानों की मजदूरी स्थानीय प्रचलित देय के आधार पर तय हो।

-कृषि उत्पादों को खरीदने वाली कंपनियों को सीधे किसानों से जोड़ें, दलाली प्रथा बंद हो।

-कृषि विवि व अनुसंधान केंद्रों के छात्रों व वैज्ञानिकों के खेतों में नियमित दौरे होने चाहिए।

-किसानों को बिजली व व पानी नि:शुल्क मिले, ग्रामीण स्तरीय कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिले।

-ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के लिए विशेष अनुदान, प्रशिक्षण और बाजार की व्यवस्था हो।

-कम दाम पर खरीदारी अपराध घोषित हो। कृषि उत्पादों के दाम मंहगाई के आधार पर बढे़। अच्छे सुझाव शासन को भेजे जाएंगे

कमिश्नर मेरठ अनीता सी. मेश्राम ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानों के सुझावों के लिए प्रदेश को चार जोन में बांटा है। इनमें उत्पादन की लागत को घटाना, उत्पादन का बेहतर मूल्य, उत्पादन को बढ़ाना फसलों का विविधीकरण व प्राकृतिक आपदा में किसानों की मदद करना है। उन्हें शासन को भेजा जाएगा। वहां से सबसे अच्छे सुझावों को केंद्र सरकार द्वारा बनायी गई आठ राज्यों के मुख्यमंत्री की कमेटी को भेजा जाएगा। जिसके अध्यक्ष मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वहां से केंद्र को भेजा जाएगा जहां अंतिम रूप दिया जाएगा।

प्रदर्शनी में लगाए स्टाल

कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों, उद्यान, गन्ना, परती भूमि विकास, कृषि, रेशम विकास, कृषि रक्षा, लघु सिंचाई, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा लक्ष्मी जन कल्याण सेवा आदि ने प्रदर्शनी में अपने स्टाल लगाए।

यह रहे मौजूद

कार्यशाला में मेरठ सीडीओ आर्यका अखौरी, पीडीडीआरडीए भानु प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी मेरठ प्रमोद सिरोही, डीएचओ आरएस राठौर समेत अन्य अधिकारी व करीब 22 जिलों के किसान मौजूद रहे। संचालन संयुक्त निदेशक कृषि सुनील कुमार अग्निहोत्री ने किया।

जल्दी चले गए कृषि उत्पादन आयुक्त

लखनऊ से आए जरूरी फोन के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त डा. प्रभात कुमार कार्यशाला से जल्दी ही सम्बोधन खत्म कर चले गए। इससे पहले भारतीय किसान आंदोलन नेता कुलदीप त्यागी समेत अन्य किसानों ने ज्ञापन भी सौंपे।

मंच पर न बैठाने पर नाराजगी जतायी

किसान प्रतिनिधि के रूप में किसी भी किसान नेता को मंच पर न बैठाने पर वक्ता किसानों ने नाराजगी भी जतायी। उनका कहना था कि कम से कम भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को तो मंच पर जगह दी जानी चाहिए थी। वहीं, कई बार खुलकर अपनी बात विस्तार से रखने पर भी किसानों की अधिकारियों से नोंकझोंक भी हुई।


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