पाकिस्तान भागे फैजान के खिलाफ जारी होगा रेड-कार्नर नोटिस
2007 से वांछित चल रहे फैजान पर पांच हजार का इनाम है। एसएसपी की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल हुआ काउंटर एफिडेविट। दस साल पहले पाकिस्तान भागा था।
मेरठ (मनोज मिश्रा) सहारनपुर पुलिस को चकमा देकर दस साल पहले परिवार सहित पाकिस्तान भागने वाले पांच हजार के इनामी फैजान पर एक बार फिर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। एसएसपी की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल किए गए काउंटर एफिडेविट में फैजान के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने की मांग की गई है। 1996 में पाकिस्तानी कारतूस तथा 2007 में नकली नोट के साथ पकड़े जाने के बाद फैजान जमानत पर जेल से छूटने के बाद से फरार है।
कोतवाली शहर के मोहल्ला जाफर नवाज स्थित ख्वाजा अहमद सराय शाहमदार के रहने वाले फैजान पुत्र रफीक पर सहारनपुर के विभिन्न थानों में दस मुकदमे दर्ज हैं। फैजान के ऊपर 1996 में पहला मुकदमा मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का दर्ज हुआ था। इसी साल फैजान को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 538 पाकिस्तानी कारतूसों के साथ दबोचा था। दिल्ली पुलिस ने उस पर दो मुकदमे दर्ज किए थे। एक बरामदगी और दूसरा पुलिस विरोध करने का। कारतूस बरामदगी का मुकदमा आज भी विचाराधीन है, लेकिन दूसरे में फैजान दोषमुक्त हो गया था।
सहारनपुर में अंतिम बार फैजान साल 2007 में भारतीय नकली नोटों व तमंचा-कारतूस के साथ पकड़ा गया था, मगर चंद महीनों बाद उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी। यह केस आज भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जमानत पर रिहा होने के बाद फैजान अपनी संपत्ति बेच कर गायब हो गया। फैजान के देश छोड़ने का पता भी पुलिस को तब लगा, जब हाईकोर्ट से बार-बार समन आने के बाद भी फैजान कोर्ट नहीं पहुंचा। पुलिस ने जांच-पड़ताल की और इसी महीने एसएसपी की ओर से हाईकोर्ट में शपथ-पत्र दाखिल किया गया, जिसमें परिवार के साथ फैजान के पाकिस्तान भागने के बारे में सूचना दी गई है। फैजान की पत्नी है पाकिस्तान की नागरिक
फैजान की पत्नी शमीमा मूलरूप से पाकिस्तान की रहने वाली है। निकाह के बाद शमीमा ने भारतीय नागरिकता भी नहीं ली थी। सहारनपुर एसएसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। मैं खुद इसकी मॉनीट¨रग कर रहा हूं। फैजान के कुछ रिश्तेदार आज भी यहां हैं, जिन पर पूरी नजर है। फिलहाल हाईकोर्ट से फैजान के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। यह है रेड-कार्नर नोटिस
इंटरपोल नोटिस या इंटरनेशनल नोटिस इंटरपोल द्वारा सूचना के आदान-प्रदान की पद्धति है। इंटरपोल सात प्रकार के नोटिस जारी करता है जिनमें छह अपने रंगों से पहचाने जाते हैं। ये रंग हैं लाल, नीला, हरा, पीला, काला और नारंगी। लाल नोटिस आमतौर पर अपराधी की गिरफ्तारी के लिए होता है। नीला नोटिस किसी व्यक्ति के बारे में अतिरिक्त सूचना देने या पाने के वास्ते, हरा ऐसे व्यक्तियों के बारे में चेतावनी जो अपराध कर चुके हैं, पीला गुमशुदा (आमतौर पर नाबालिगों) के बारे में सूचनाएं, काला किसी लाश की शिनाख्त न होने पर जारी होता है और नारंगी बमों, पार्सल बमों वगैरह की सूचनाएं। इसके अलावा, इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद नोटिस उन व्यक्तियों और संस्थाओं को लेकर जारी होता है, जिन पर सुरक्षा परिषद पाबंदियां लगाती है।