दाबू और बगरु का है आने वाला फैशन
लकड़ी के ब्लॉक को गीली मिट्टी पर उकेरकर सुखाकर उसे कपड़े पर चिपकाया जाता है
मेरठ : लकड़ी के ब्लॉक को गीली मिट्टी पर उकेरकर सुखाकर उसे कपड़े पर चिपकाया जाता है। काफी मेहनत से दाबू पि्रंट के फैब्रिक, साड़ियां, ज्वेलरी, जूती, पर्स और हैंडबैग तैयार किए जाते हैं। आने वाले सीजन के लिए शहर के फैशन डिजाइनर इस बार दाबू, बगरु और सागांनेरी प्रिंट पर ही काम कर रहे हैं। इसे यह बात तो साफ है कि आने वाला फैशन पूरी तरह से राजस्थानी टच लिए हुए होगा।
दाबू प्रिंट
इसे ब्लॉक प्रिंटिंग के नाम से भी जाना जाता है। काली मिट्टी, गोंद और चूना मिलाकर घोल तैयार किया जाता है, बाद में इसकी मदद से प्राकृतिक रंग बनाकर कपड़े पर छपाई की जाती है। इस प्रिंट की खासियत है कि यह पहनने में बहुत ही आरामदायक होते हैं।
प्राकृतिक रंग ऐसे होते हैं तैयार
लोहे के बर्तन में गुड़ को सड़ाकर काला रंग, अनार के छिलकों से पीला रंग और इंडिगो पौधे से नीला रंग बनाया जाता है। इसी तरह फूल से लाल और अन्य रंग तैयार किए जाते हैं।
इंडियन और वेस्टर्न परिधानों में दाबू और बगरु
इस बार इंडियन ही नहीं बल्कि वेस्टर्न ड्रेस में भी दाबू, बगरु और सांगानेरी प्रिंट छाया रहेगा। फैशन डिजाइनर निधि जैन ने बताया कि महिलाओं को जहां दाबू प्रिंट की साड़ियां पसंद आ रही हैं, वहीं गर्ल्स में दुपट्टा, ईयर¨रग, बैंगल, पर्स, हैंडबैग और जूतियां खूब पसंद आ रही हैं, क्योंकि यह देखने में आकर्षक और पहनने में काफी आरामदायक है।
बदल रही हैं पसंद
तड़क भड़क की जगह अब महिलाएं और युवतियां कुछ अलग फैब्रिक और डिजाइन पसंद कर रही हैं। जिसमें इस समय दाबू और बगरु प्रिंट के परिधान काफी डिमांड में है। सेंट्रल मार्किट स्थित स्टाइलिस्टा स्टूडियों की फैशन डिजाइनर जूही अग्रवाल ने बताया कि इस बार का फैशन राजस्थानी टच लिए हुए होगा।