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'हेल्पमीसिटी' मोबाइल एप्लीकेशन करेगा आपकी हर मुसीबत में पूरी मदद, इसे आजमाइए

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। यह कथन आशीष शर्मा पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। उनके द्वारा बनाया गया मोबाइल एप लोगों के मददगार साबित हो रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:05 AM (IST)
'हेल्पमीसिटी' मोबाइल एप्लीकेशन करेगा आपकी हर मुसीबत में पूरी मदद, इसे आजमाइए
'हेल्पमीसिटी' मोबाइल एप्लीकेशन करेगा आपकी हर मुसीबत में पूरी मदद, इसे आजमाइए
मेरठ, [जागरण स्पेशल]।  'आवश्यकता  ही आविष्कार की जननी है'। यह कथन सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत आशीष शर्मा पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। परिवार के साथ दूसरे शहर में घूमने के दौरान बेटे की तबीयत बिगड़ने पर मदद की जरूरत पड़ी। मदद नहीं मिली तो आशीष ने ऐसी स्थिति में लोगों से जुड़ने और हर संभव मदद हासिल करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाने की ठानी।
आठ से नौ महीने की मेहनत का परिणाम
आठ से नौ महीने तक मंथन के बाद एप्लीकेशन की रूपरेखा तैयार होने पर जब रिजल्ट आया तो खुद आशीष भी चौंक उठे। उन्होंने 'हेल्पमीसिटी' मोबाइल एप्लीकेशन तैयार कर लिया जो घर, बाहर, दूसरे शहर और दूसरे देश में भी लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने और अविलंब मदद पहुंचाने में सक्षम है। एक क्लिक करते ही आएगा मददगार का फोन आशीष के अनुसार इस एप्लीकेशन में यूजर की लोकेशन और मोबाइल नंबर दूसरों के पास पहुंचता है। इसके जरिए वह सीधे आपका क्षेत्रीय लोकेशन देख सकते हैं।

देनी होगी सटीक लोकेशन

फोन के आइकन पर क्लिक करते ही मदद करने वाला आपको फोन करके मदद दे सकता है। मददगार को अपनी लोकेशन पर बुलाने के लिए मदद मांगने वाले को ही सटीक लोकेशन देनी होगी। आशीष के अनुसार जल्द ही इसमें वन-टू-वन चैटिंग का ऑप्शन भी होगा जिससे फोन नंबर देने की अनिवार्यता नहीं रह जाएगी। लोग जुड़ेंगे, करेंगे मदद आशीष का दावा है कि इसमें लोग जुड़ेंगे तो रोजमर्रा के जीवन में हर दिन किसी न किसी तक मदद का हाथ बढ़ा सकेंगे।
इन कामों में मिल सकेगी मदद
सामान्य तौर पर यदि मोहल्ले या शहर में किसी को अपने बच्चों को की किताबें दूसरे को देनी या लेनी है तो वह जानकारी प्राप्त कर सकता है। घर के नौकर काम छोड़ गए तो एप्लीकेशन में रेंज को 500 मीटर से चार किलोमीटर तक सेट कर पड़ोसियों या क्षेत्र के अनजान लोगों से भी मदद ले सकेंगे और काम करने वाले लोग भी मिल जाएंगे। किसी को तत्काल खून की जरूरत पड़ी तो तैयार होकर निकलने से पहले एक मैसेज एप्लीकेशन पर डाल देने से संभव है कि घर से निकलते-निकलते दो-चार और लोग उसी ब्लड ग्रुप के मिल जाएं। कहीं घूमने गए तो वाहन खराब होने पर, होटल का कमरा न मिलने पर, रास्ते व ट्रैफिक की जानकारी, घर खोजना आदि में लोग एक-दूसरे की मदद ले सकते हैं।
बेटे के लिए मांगी थी मदद
दवा नहीं मिली तो जरूरत ने कराया आविष्कार आशीष सर छोटूराम में निदेशक के पीए हैं। मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी आशीष पिछले साल जून में सपरिवार डलहौजी घूमने गए थे। देर रात बेटे को तेज बुखार आया। दवा की दुकानें बंद थी। आशीष को मालूम था कि बाहर निकलने वाले कुछ दवाएं अपने साथ रखते हैं, लेकिन वह मदद मांगे भी तो कैसे। काफी मशक्कत के बाद भी रात को मदद नहीं मिल सकी। लौटने के बाद उन्होंने ऐसी परिस्थिति में लोगों की मदद पाने के लिए इस ओर विचार शुरू किया और सफलता मिल गई। एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। helpmecity@gmail.com आप अपने सुझाव भी भेज सकते हैं।

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