Martyr Prashant Sharma: सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुआ मुजफ्फरनगर का लाल, उमड़ा जनसैलाब
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के हमले में बलिदान हुए मुजफ्फरनगर के लाल प्रशांत शर्मा को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले मुजफ्फरनगर के लाल प्रशांत शर्मा का रविवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद के आवास से नदी रोड स्थित श्मशान घाट तक केंद्र-प्रदेश सरकार के मंत्री व विधायकों समेत उमड़े जनसैलाब ने नम आंखों से रणबांकुरे प्रशांत को अंतिम विदाई दी।
पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए बुढ़ाना मोड़ स्थित गांव खांजापुर निवासी प्रशांत शर्मा की पुलवामा से पार्थिव देह लेकर शनिवार देर रात सूबेदार जेपी गगन और सिपाही अंकित चौहान मेरठ पहुंचे थे। रविवार सुबह मेरठ से सेना के वाहन में बलिदानी की पार्थिव देह लेकर ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर, कर्नल संदीप सतवालेक और जाट रेजिमेंट के सैनिक यहां पहुंचे। परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद शहीद की अंतिम यात्रा नदी रोड श्मशान घाट पर पहुंची।
इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री डा.संजीव बालियान, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, राज्यमंत्री विजय कश्यप, डीएम सेल्वा कुमारी जे., एसएसपी अभिषेक यादव आदि ने बलिदानी को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। नदी रोड स्थित श्मशान घाट के लिए निकली अंतिम यात्रा के पीछे जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्मशान घाट पर आरआर यूनिट के शहीद प्रशांत शर्मा को सेना की ओर से अंतिम सलामी दी गई। छोटे भाई निशांत शर्मा ने मुखाग्नि दी। शहीद के सम्मान में हिंदुस्तान जिंदाबाद और जब तक सूरज-चांद रहेगा प्रशांत तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए गए।
शरीर पर नाम गुदवाकर प्रशांत शर्मा को दी श्रद्धाजंली
खांजापुर निवासी बलिदानी प्रशांत शर्मा की अंतिम यात्रा में रविवार को वैसे तो हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ा, लेकिन इस जनसैलाब के बीच एक युवक ऐसा था, जो प्रशांत शर्मा के नाम को अपनी कमर पर गुदवाकर पहुंचा। उन्होंने बलिदानी के सम्मान में अपनी शर्ट उतारकर पुष्पचक्र अर्पित किया।
बलिदानी प्रशांत शर्मा के अंतिम संस्कार के दौरान उमड़े जनसैलाब के बीच उन्हें अंतिम सलामी देने के बाद पुष्पचक्र अर्पित किए गए। पुष्पचक्र अर्पित करने के लिए भीड़ से निकलकर आगे बढ़े शामली निवासी विजय हिंदुस्तानी ने अपनी टी-शर्ट उतार दी। इस दौरान उनकी कमर पर लिखे 30 से अधिक बलिदान जवानों के नाम देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। बलिदान जवानों की नाम की सूची में उनकी कमर पर प्रशांत शर्मा का नाम भी मिला। विजय हिंदुस्तानी ने बताया कि वह शामली के रहने वाले हैं और बलिदान हुए जवानों के नाम अपनी कमर पर गुदवाकर गर्व महसूस करते हैं। यह कार्य वह बलिदान जवानों के सम्मान में करते हैं। अधिकतर जवानों के अंतिम संस्कार में भी शामिल होने की कोशिश करते हैं। श्मशान घाट पर विजय हिंदुस्तानी की अलग पहचान होने पर वहां मौजूद लोग उनकी कमर पर लिखे नामों को पढऩे के लिए भी उत्साहित रहे।
तीन आतंकी मार गिराए थे
गौरतलब है कि यूपी के मुज़फ्फरनगर जिले का एक और लाल देश की रक्षा करते हुए सीमा पर वीरगति को प्राप्त हो गया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के जूदर क्षेत्र में शुक्रवार की रात को एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने अचानक सेना के जवानों पर हमला बोल दिया। इस दौरान मुजफ्फरनगर के लाल बुढाना मोड़ निवासी प्रशांत शर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए, उन्हें आर्मी अस्पताल ले जाया गया जहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया।
बागपत जनपद के बिजरौल गांव के मूल निवासी शीशपाल शर्मा सेना में नायक पद से रिटायर्ड हैं। वह करीब 15 साल से बुढ़ाना रोड पर मकान बनाकर परिवार के साथ रह रहे हैं। शीशपाल शर्मा के पुत्र प्रशांत शर्मा वर्ष 2017 में सेना में भर्ती हुए थे, जिसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान में हुई। कुछ समय पूर्व उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हुई। शुक्रवार को पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान उनके सीने में चार गोली लगीं। प्रशांत शर्मा के बलिदान का समाचार मिलते ही उनके परिजनों में कोहराम मच गया। केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक समेत अन्य लोगों ने बलिदानी के स्वजनों को ढांढ़स बंधाया। इसी वर्ष छह दिसंबर को उनकी शादी मेरठ की युवती से होनी थी। स्वजन उनकी शादी की तैयारियों में लगे हुए थे।