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एक शिक्षक पर 90 विद्यार्थी, फिर कैसे सुधरेगी पढ़ाई

चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े डिग्री कॉलेज शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर जूझ रहे हैं। निजी कॉलेजों में छात्र कम पहुंच रहे हैं। राजकीय और अनुदानित कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:22 AM (IST)
एक शिक्षक पर 90 विद्यार्थी, फिर कैसे सुधरेगी पढ़ाई
एक शिक्षक पर 90 विद्यार्थी, फिर कैसे सुधरेगी पढ़ाई

मेरठ। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े डिग्री कॉलेज शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर जूझ रहे हैं। निजी कॉलेजों में छात्र कम पहुंच रहे हैं। राजकीय और अनुदानित कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है। कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन बावजूद काफी कॉलेजों में शिक्षकों का पद रिक्त है। मेरठ और सहारनपुर मंडल के कई डिग्री कॉलेजों में एक शिक्षक पर 90 छात्रों का अनुपात है। जो यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के नियम के अनुसार नहीं है।

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यूजीसी का ये है मानक

यूजीसी के मानक के अनुसार स्नातक कोर्स में एक शिक्षक पर 30 छात्र होना चाहिए। परास्नातक कोर्स में एक शिक्षक पर 15 छात्र- छात्राएं होने चाहिए। लेकिन विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में शिक्षक और छात्र का अनुपात काफी गड़बड़ है। मेरठ और सहारनपुर मंडल के कई कॉलेजों में शिक्षकों के साथ शिक्षणेत्तर पद भी रिक्त हैं। मेरठ और सहारनपुर में यूजीसी के मानक के अनुसार शिक्षक और छात्र नहीं हैं।

नए सत्र में भी छात्र रहेंगे परेशान

डिग्री कॉलेजों में नए सत्र में प्रवेश की तैयारी शुरू होने वाली है। कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन नए सत्र में भी ज्यादातर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है।

कुछ कॉलेजों का हाल (आंकड़े शैक्षणिक सत्र 2017-18)

कॉलेज शिक्षक और छात्र का अनुपात

शहीद मंगल पांडे राजकीय ग‌र्ल्स कॉलेज, मेरठ 1:60

आरके पीजी कॉलेज शामली 1:59

दिगंबर पीजी कॉलेज बुलंदशहर 1:65

डीएन कॉलेज बुलंदशहर 1:66

जैन पाठशाला पीजी कालेज मुजफ्फरनगर 1:80

एनआरइसी कॉलेज खुर्जा 1:81

दुर्गा प्रसाद बलजीत सिंह अनूपशहर 1:43

महाराज सिंह कॉलेज सहारनपुर 1:97

ज्यादातर कॉलेजों में पद रिक्त

सीसीएसयू के जुड़े 50 अनुदानित और 18 राजकीय कॉलेजों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर पद खाली पड़े हैं। आरटीआइ (सूचना अधिकार कानून) के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराज सिंह कॉलेज में 40 शिक्षक और 12 शिक्षणेत्तर पद रिक्त हैं। दुर्गा प्रसाद बलजीत सिंह कॉलेज बुलंदशहर में 11 शिक्षक, दो शिक्षणेत्तर पद खाली है। खुर्जा के एनआरइसी कॉलेज में 81 पद रिक्त चल रहा है। जैन कन्या पाठशाला मुजफ्फरनगर में 17 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। डीएन कॉलेज में शिक्षकों के आठ पद रिक्त है। दिगंबर पीजी कॉलेज में शिक्षकों के छह पद रिक्त हैं। आरके पीजी कॉलेज में शिक्षकों के 20 पद रिक्त है। शहीद मंगल पांडे राजकीय ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज मेरठ में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर के पांच पद रिक्त हैं।

इनका कहना है..

विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में शिक्षक और छात्र का अनुपात यूजीसी के मानक से कहीं अधिक है। इसका असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ सकता है। शिक्षकों के जो पद रिक्त हैं, उन पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। नए शैक्षणिक सत्र में कालेजों के पठन पाठन में सुधार होगा।

डा. राजीव गुप्ता, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, मेरठ और सहारनपुर मंडल


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