साइन बोर्ड, क्रैश बैरियर समेत 90 फीसद काम पूरा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम अब अंतिम चरण में है। एक्सप्रेस-वे पर डामर परत डाल देने के अलावा भी तमाम कार्य होते हैं जिसके बिना उसे अधूरा माना जाता है।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम अब अंतिम चरण में है। एक्सप्रेस-वे पर डामर परत डाल देने के अलावा भी तमाम कार्य होते हैं जिसके बिना उसे अधूरा माना जाता है। बहरहाल, ऐसे कार्य 90 फीसद हो गए हैं। बचे हुए कार्य को 10 मार्च तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।
डामर की परत डालने के बाद उसके ऊपर थर्मोप्लास्ट यानी सफेद पट्टी की माíकंग की जाती है। यह कार्य 29 किमी हो गया है। क्रैश बैरियर 700 मीटर के एलिवेटेड स्ट्रक्चर और परतापुर तिराहे पर कुछ स्थानों को छोड़कर बाकी स्थानों पर लगाया जा चुका है। कुल 17 हजार कैट आई लगाई जानी हैं जिसमें से तीन हजार लगाई जा चुकी हैं। स्प्रिंकलर, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, बिजली आदि के केबल का कार्य हो चुका है, अब उसका कनेक्शन करके ट्रायल किया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट का कार्य डासना के एलिवेटेड स्ट्रक्चर को छोड़कर बाकी सभी चयनित स्थानों पर हो चुका है, हालांकि चोरी के डर से कुछ स्थानों पर अभी उनमें एलईडी नहीं लगाई गई है। सीसीटीवी के खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन कैमरे मार्च के प्रथम सप्ताह में लगेंगे। किमी स्टोन, साइन बोर्ड, दिशा सूचक व खतरे से आगाह करने वाले बोर्ड तैयार हैं जिन्हें मार्च के प्रथम सप्ताह में लगाया जाएगा।
काशी टोल प्लाजा समेत बाकी स्थान के बूथों पर कार्य तेजी से चल रहा है। इसे भी 10 मार्च तक पूरा करने की तैयारी है।
तीन दिन बाद प्रधानमंत्री करेंगे समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माणाधीन चरण संख्या दो व चरण संख्या चार की समीक्षा 24 फरवरी को करेंगे। समीक्षा में कार्य की स्थिति बताने से पहले काफी काम तेजी से निपटाया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि 15 मार्च का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाएगा। फिलहाल काम तेजी से चल रहा है।
एनएचएआइ ने तैनात किए मार्शल, उलझ रहे वाहन चालक
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के मेरठ से डासना तक निर्माणाधीन हिस्से पर वाहनों की दिन भर भीड़ रहती है। अभी वाहनों के लिए एक्सप्रेस-वे को खोला नहीं गया है लेकिन वाहन चालक बैरियर हटाकर निकल जाते हैं। शनिवार को एनएचएआइ की ओर से बैरियर बढ़ा दिए गए। यूनीफार्म व झंडी के साथ मार्शल खड़े कर दिए गए। मार्शल ने वाहन को आगे ले जाने से रोका तो वाहन चालक उलझ पड़े। कार हो या ट्रक उनके आने-जाने का सिलसिला यूं ही बदस्तूर जारी रहा। बैरियर पर उप्र पुलिस का लोगो भी लगा दिया गया लेकिन पुलिस की मौजूदगी के बिना उनका क्या वजूद। बहरहाल, एनएचएआइ की ओर से डीएम व एसएसपी गाजियाबाद व मेरठ, दोनों जिलों के संबंधित थानाध्यक्षों को एक फरवरी को ही पत्र दिया गया था। लेकिन किसी भी स्तर से कोई इंतजाम नहीं हुआ।