CAA Protest in Meerut: मेरठ हिंसा में 9 एमएम पिस्टल से भी चली थी गोली Meerut News
मेरठ में शुक्रवार को हुई हिंसा की विवेचना में पुलिस ने अपनी तरफ से गोली चलाने की पुष्टि की। इसमें छह लोगों को गोली लगी।
मेरठ, [सुशील कुमार]। हिंसा में फायरिंग करने को नकार रही पुलिस ने मुकदमों की विवेचना में स्पष्ट कर दिया कि नाइन एमएम पिस्टल से गोली चलाई गई थी। यह भी दर्शाया कि हिंसा में जहां पर छह लोगों की मौत हुई, वहां पर पुलिस ने फायरिंग नहीं की थी। फायरिंग करने में दारोगा और कई सीओ के नाम भी उजागर किए गए हैं।
हिंसा मेें छह व्यक्तियों की मौत
हिंसा के दौरान छह व्यक्तियों की मौत हो गई थी, जबकि तीन पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी थी, जिनका उपचार कराया जा रहा है। पथराव में दस से ज्यादा पुलिसकर्मी चोटिल हुए। अफसरों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला है। साथ ही दावा भी किया कि मारे गए सभी व्यक्ति बवाली थे, जो भीड़ के बीच में पथराव कर रहे थे। दो बवाली तो दिल्ली से हायर किए गए थे, जिनकी मौत हो गई। पुलिस ने दावा किया है कि उप्रदवियों की गोली से ही बवालियों की मौत हुई है। पुलिस की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी अभी तक यही दावा कर रही है। चार थानों में पुलिस की तरफ से दर्ज हुए छह मुकदमों की विवेचना शुरू की गई है। विवेचना में दर्शाया है कि पुलिस के नाइन एमएम पिस्टल से भी फायरिंग की गई। यह भी बताया कि जहां पर पुलिस ने नाइन एमएम पिस्टल से फायरिंग की थी, वहां पर किसी की मौत नहीं हुई है, जहां से मृतकों के शव बरामद हुए हैं, वहां आसपास भी पुलिस ने फायरिंग नहीं की थी।
फायरिंग स्वीकारने से बच रहे अफसर
हिंसा में पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग से कोई मारा नहीं गया है। बल्कि पुलिस ने टियर गैस गन, ग्रेनेड, एंटी राइट गन, रबड़ बुलेट का प्रयोग बवालियों को डराने में किया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो नाइन एमएम पिस्टल से हुई फायरिंग से सभी अफसर बच रहे हैं, विवेचक को अपने ऑफिस में बुलाकर बताया जा रहा है कि विवेचना में उन्हें फायरिंग करते नहीं दिखाया जाना चाहिए। दरअसल, हिंसा के मुकदमे में कोर्ट में बयान से लेकर अन्य जांच को देखकर पुलिस अफसर भी बैकफुट पर आ रहे हैं।
एक नजर इन पर भी
- 17 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज
- 54 लोगों की गिरफ्तार की गई।
- 5000 अज्ञात में मुकदमा
- 01 व्यक्ति हिंसा के दौरान मारे गए।
- 06 टीम एसआइटी का गठन किया।
इन्होंने बताया
सभी मुकदमों क निष्पक्ष विवेचना के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। पूरे घटनाक्रम में पुलिस फेयर काम करेगी। निदरेष लोगों का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। साथ ही बवालियों को बख्शा नहीं जाएगा। विवेचकों को भी भी दबाव में नहीं लेगा। वह पूरे घटनाक्रम की सही से जांच कर रिपोर्ट पेश करेंगे।
- अजय साहनी, एसएसपी
उपद्रव प्रभावित क्षेत्रों में जाने पर दिया जाएगा नोटिस
शहर के चार थाना क्षेत्रों में शुक्रवार को हुए उपद्रव के बाद अभी जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है। धारा-144 लागू होने के कारण उपद्रव प्रभावित क्षेत्रों में जाने वाले जनप्रतिनिधियों को भी नोटिस भी दिया जा रहा है। डीएम अनिल ढींगरा का कहना है कि घटना के बाद अब शहर का माहौल सामान्य हो रहा है। सामान्य होते माहौल में सभी का सहयोग मिल रहा है। किसी को भी माहौल खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जनप्रतिनिधियों के उपद्रव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पर उनका कहना है कि किसी को भी जाने से नहीं रोका जा रहा है, लेकिन शहर में धारा-144 लगी हुई है। जिस कारण उन क्षेत्रों में जाने पर जिला-प्रशासन सभी को नोटिस भी दे रहा है। यदि किसी जनप्रतिनिधि केवहां जाने से कानून व्यवस्था आदि की स्थिति में कोई दिक्कत आती है तो फिर वही जिम्मेदार होंगे।