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तैयारियां शुरू, ऐतिहासिक हस्तिनापुर संवारने को जुटेंगे 8765 श्रमिक परिवार Meerut News

पांडवकालीन हस्तिनापुर में तमाम विकास कार्य होंगे इसलिए सरकारी स्तर से लगाए जाने वाले मजदूरों की भी व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:06 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:06 AM (IST)
तैयारियां शुरू, ऐतिहासिक हस्तिनापुर संवारने को जुटेंगे 8765 श्रमिक परिवार Meerut News
तैयारियां शुरू, ऐतिहासिक हस्तिनापुर संवारने को जुटेंगे 8765 श्रमिक परिवार Meerut News

मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। पांडवकालीन हस्तिनापुर का गौरव वापस दिलाने के लिए जहां मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट में आइकोनिक साइट बनाने का प्रावधान किया है वहीं उसे संवारने के लिए अब स्थानीय स्तर पर भी बड़ी तैयारी कर ली गई है। इस साल यहां तमाम विकास कार्य होंगे इसलिए सरकारी स्तर से लगाए जाने वाले मजदूरों की भी व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया गया है।

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सरकारी देखरेख में होगा काम

जो कार्य ठेके पर होंगे उसके लिए तो मजदूर खुद ठेकेदार रखेंगे लेकिन जो कार्य सीधे सरकारी देखरेख में होंगे उसके लिए मनरेगा के तहत मजदूर रखे जाएंगे। वैसे तो मनरेगा के तहत हर जिले के हर ब्लॉक में मजदूरों को कार्य दिया जाता है पर हस्तिनापुर के लिए जिस तरह से लक्ष्य रखा गया है उससे स्पष्ट है कि हस्तिनापुर का स्वरूप वास्तविक रूप में बदलने वाला है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में हस्तिनापुर ब्लॉक के 8765 परिवारों को काम दिया जाएगा।

मजदूरी पर 8.58 करोड़ खर्च होंगे

यह लक्ष्य इतना बड़ा है कि इतना लक्ष्य कभी भी किसी भी ब्लॉक के लिए नहीं रखा गया। यही नहीं इनकी मजदूरी पर खर्च का भी अनुमान कर लिया गया है। उसके अनुसार मजदूरी पर 8.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका सीधा संबंध हस्तिनापुर के विकास से इसलिए है क्योंकि रजपुरा ब्लॉक में महज 150 व मेरठ ब्लॉक के 189 परिवारों को ही मनरेगा के तहत कार्य दिया जाएगा।

परीक्षितगढ़ की भी रंगत बदलेंगे श्रमिक

हस्तिनापुर ही नहीं सरकार की नजर में परीक्षितगढ़ भी है। इसलिए यहां के लिए भी मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम का लक्ष्य तय किया गया है। यहां पर इस साल मनरेगा के तहत 1540 परिवारों को रोजगार दिया जाएगा।

तो हस्तिनापुर के लिए बढ़ाया गया मनरेगा बजट

हस्तिनापुर में कार्य को देखते हुए ही इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा का बजट बढ़ा दिया गया है। 2019-20 में लेबर बजट 1100.94 लाख ही स्वीकृत किया गया था, जबकि इस बार यह बजट 1567.09 लाख रुपये रखा गया है। वैसे तो 19-20 में भी सबसे अधिक मनरेगा का बजट हस्तिनापुर के लिए रखा गया था। इस बार कई गुना बढ़ा दिया गया है। 


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