85 फीसद बच्चों के घर पहुंचे डीएमए के 'गुरु'
लॉकडाउन के दौरान स्कूल से दूर बच्चों तक शिक्षण पहुंचाने की कड़ी में दयावती मोदी एकेडमी ने नया पोर्टल गुरु नाम से बनाया है। स्कूल की वेबसाइट से जुड़े इस पोर्टल के जरिये स्कूल के 119 शिक्षक हर दिन सुबह साढ़े आठ बजे से शाम के चार बजे तक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान स्कूल से दूर बच्चों तक शिक्षण पहुंचाने की कड़ी में दयावती मोदी एकेडमी ने नया पोर्टल 'गुरु' नाम से बनाया है। स्कूल की वेबसाइट से जुड़े इस पोर्टल के जरिये स्कूल के 119 शिक्षक हर दिन सुबह साढ़े आठ बजे से शाम के चार बजे तक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। इस पोर्टल पर 3092 यूजर पंजीकृत हैं। इन्हें 159 कोर्स व 382 एक्टिविटीज से सीखने, पढ़ने और लॉकडाउन के दौरान व्यस्त रहने का अवसर मिल रहा है। स्कूल प्रिंसिपल रितु दीवान के अनुसार अब तक स्कूल में पंजीकृत 85 फीसद बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षण पहुंचाने में सफलता मिल चुकी है।
स्टडी मैटेरियल संग गतिविधियां भी
गुरु पोर्टल के जरिये सभी विषय के शिक्षक बच्चों को स्टडी मैटेरियल मुहैया करा रहे हैं। इसके साथ ही असाइनमेंट, क्विज, वीडियो, ई-बुक, माइंड-मैप, लाइव क्लास आदि मुहैया करा रहे हैं। इसमें तरह-तरह के गेम्स व नोट्स भी दिए गए हैं। बच्चों को नोट्स चैप्टर वाइज बुलेट प्वाइंट में भी बनाकर दिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें रिवीजन में आसानी हो। इसके साथ ही सीबीएसई के हॉट्स यानी हाई ऑर्डर थिंकिंग सिस्टम के प्रश्न भेजे जा रहे हैं, जिसके टेस्ट में शामिल होकर बच्चे अपने रिजल्ट भी देख सकते हैं।
अगले दिन की तैयारी भी कर रहे हैं
शाम को चार बजे तक पढ़ाई के बाद स्कूल की प्रिंसिपल व शिक्षक दूसरे दिन की क्लास की तैयारी में जुट जाते हैं। देररात तक प्रिंसिपल भी सभी शिक्षकों के कोर्स कंटेंट चेक करने के बाद ही ऑनलाइन अपलोड कराती हैं। उनका कहना है कि पहली बार पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, जिससे कोई गलती न हो जाए। देररात दो बजे तक भी शिक्षकों को कोई मैसेज भेजने पर वे जवाब दे रहे हैं। शिक्षकों में उत्साह है और वे भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। बीच-बीच में उनकी काउंसिलिंग भी स्वयं प्रिंसिपल ही करती हैं।
60 फीसद सिलेबस होगा पूरा
प्रिंसिपल रितु दीवान के अनुसार क्लासरूम पढ़ाई की तुलना में शिक्षक ऑनलाइन पद्धति में करीब 60 फीसद सिलेबस पूरा करने में सफल होंगे। ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों के साथ ही परिजन भी अपडेट रह रहे हैं और उनका जुड़ाव इसकी सफलता में अधिक मायने रखता है। परिजन जानना चाहते हैं कि स्कूल से जो भी स्टडी मैटेरियल भेजा जा रहा है, उसे बच्चे पढ़ भी रहे हैं अथवा नहीं।