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फिटनेस मंत्र: नियमित योग और अनुशासित दिनचर्या से युवाओं को भी प्रेरणा दे रहे 72 वर्षीय योगेश मोहन

योगेश मोहन बताते हैं कि वह सुबह पांच बजे उठ जाते हैं। इसके बाद अपने घर के सामने स्थित योग केंद्र के पार्क में शारीरिक अभ्यास करना शुरू करते हैं। जिसमें वह सबसे पहले आधा घंटा तेज कदमों से पैदल चलते हैं। फिर वह योगाभ्यास करते हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 09:50 AM (IST)
फिटनेस मंत्र: नियमित योग और अनुशासित दिनचर्या से युवाओं को भी प्रेरणा दे रहे 72 वर्षीय योगेश मोहन
योगेश मोहन रोज सुबह अपने घर के सामने स्थित योग केंद्र के पार्क में शारीरिक अभ्यास करना शुरू करते हैं।

मेरठ, जेएनएन। शहर में बहुत से लोग अनुशासित जीवन से खुद को फिट रखते हैं, यहीं नहीं अपनी उर्जा और उत्‍साह से कई बार वह युवाओं को भी मात दे देते हैं। आइआइएमटी समूह के योगेश मोहन 72 वर्ष पूरे कर चुके हैं, वह अपनी चुस्ती-फुर्ती और शारीरिक स्वास्थ से न सिर्फ अपनी उम्र के लोगों के साथ युवाओं के लिये भी प्रेरणा के स्रोत हैं। अपनी व्यस्त दिनचर्या में भी वह अपने शारीरिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हैं। अनुशासित जीवन, नियमित योगाभ्यास और संयमित खानपान से वह कई बीमारियों से भी दूर हैं। रात को देर से सोने के बाद भी वह सुबह उठ जाते हैं।

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नियमित योगाभ्‍यास से शरीर दिन भर रहता है चुस्त 

योगेश मोहन बताते हैं कि वह सुबह पांच बजे उठ जाते हैं। इसके बाद अपने घर के सामने स्थित योग केंद्र के पार्क में शारीरिक अभ्यास करना शुरू करते हैं। जिसमें वह सबसे पहले आधा घंटा तेज कदमों से पैदल चलते हैं। फिर वह योगाभ्यास करते हैं। अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, मुद्रासन, सूर्य नमस्कार, भ्रदासन, पदमासन करना उनकी दिनचर्या में शामिल है। उनका कहना है कि योगासन की यह क्रियाएं करने से उनको दिन भर ताजगी और शरीर में अंदरूनी ऊर्जा का संचार होता प्रतीत होता है। इससे उनका शरीर दिन भर चुस्त बना रहता है और कार्य करने की शक्ति बढ़ती है। पेट का हाजमा सही होने के साथ डायबटिज भी नियंत्रित रहती है। जिस प्रकार जीवन जीने के लिये भोजन आवश्यक है उसी प्रकार स्वस्थ रहने के लिये प्रतिदिन शारीरिक क्रियाएं, योगाभ्यास करना भी आवश्यक है। उनका कहना है कि कभी किसी कार्यवश शहर से बाहर जाने पर मैं अपनी नियमित दिनचर्या का पालन नहीं कर पाता, तब मुझे दिनभर असहज और खालीपन महसूस होता है।

50 साल के बाद अनुशासित करें दिनचर्या

वह बताते हैं कि 50 वर्ष आयु होने के बाद स्वस्थ रहने के लिये नियमित और अनुशासित दिनचर्या का पालन करना बेहद आवश्यक है। प्रतिदिन अपनी शरीर की आवश्यकताओं और शरीर में व्याप्त रोग को दूर करने में सक्षम योगाभ्यास और शारीरिक क्रियाएं करनी चाहिएं। नियमित योग से चिकित्‍सक के पास जाने से भी बच सकते हैं। वह लोगों से भी अपील करते हैं कि खाने में मैदा, सफेद नमक, सफेद चीनी और जंक फूड का सेवन तत्काल बंद करना चाहिए। रात को सोने के कम से कम दो घंटे पहले भोजन करना भी जरूरी है। भोजन के बाद टहलना भी जरूरी है। क्योंकि कहा भी गया है कि पहला सुख निरोगी काया। 


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