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शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हुए 45 हजार अभ्यर्थी

प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आयोजित टीईटी (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) में 45 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। रविवार को 49 केंद्रों पर परीक्षा हुई। दो पालियों में 93 फीसद अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, जबकि दो हजार से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। प्रवेश न मिलने पर कुछ सेंटरों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा भी किया। अभ्यर्थियों ने प्राइमरी के पेपर को जूनियर की अपेक्षा कठिन बताया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:00 AM (IST)
शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हुए 45 हजार अभ्यर्थी
शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हुए 45 हजार अभ्यर्थी

मेरठ । प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आयोजित टीईटी (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) में 45 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। रविवार को 49 केंद्रों पर परीक्षा हुई। दो पालियों में 93 फीसद अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, जबकि दो हजार से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। प्रवेश न मिलने पर कुछ सेंटरों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा भी किया। अभ्यर्थियों ने प्राइमरी के पेपर को जूनियर की अपेक्षा कठिन बताया।

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टीईटी में पहली पाली का पेपर प्राइमरी स्तर का रहा। सुबह 10 से 12.30 बजे तक आयोजित परीक्षा में 45 मिनट पहले ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर बुला लिया गया था। दूसरी पाली में जूनियर स्तर की परीक्षा 2.30 से पांच बजे तक हुई। पहली पाली में 29348 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जबकि 27392 सम्मिलित हुए। 1956 अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रहे। दूसरी पाली में 19619 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। 18222 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। 1397 अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पाए। परीक्षार्थियों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। परीक्षा के दौरान पहली बार गेट पर वीडियोग्राफी कराई गई।

परीक्षा छूटी तो रो पड़ी

पहली पाली में परीक्षा देने पहुंचे सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए। बीएड का मूल प्रमाण पत्र न होने की वजह से केंद्रों ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया, जिसे लेकर कई सेंटरों पर हंगामा भी हुआ। प्रेसीडेंसी स्कूल में परीक्षा से वंचित होने पर कई छात्राएं रो पड़ी। वहीं सेंट थॉमस स्कूल के बाहर प्रवेश को लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। भारती इंटर कॉलेज में भी अभ्यर्थियों ने प्रवेश न दिए जाने पर रोष जताया। परीक्षार्थी पूनम ने बताया कि बीएड की मार्कशीट की प्रमाणित कापी होने के बाद भी प्रेसीडेंसी स्कूल में उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। वह परीक्षा नहीं दे पाई।

150 प्रश्नों के देने थे जवाब

प्राइमरी और जूनियर स्तर की टीईटी में 150-150 प्रश्न पूछे गए थे। निगेटिव मार्किंग नहीं थी। प्राइमरी और जूनियर दोनों के सेंटर अलग-अलग जगह बनने से उन अभ्यर्थियों को सबसे अधिक दिक्कत हुई, जिन्होंने दोनों में आवेदन किया था। परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने बताया कि अंग्रेजी, ¨हदी, शिक्षक अभिरुचि, पर्यावरणीय अध्ययन आदि से संबंधित सवाल पूछे गए थे। प्राइमरी का पेपर अपेक्षाकृत कठिन रहा। इसमें सामान्य अध्ययन के भी सवाल रहे। भारत के प्रथम न्यायाधीश, रेड डाटा बुक किससे संबंधित है आदि जैसे सवाल पूछे गए थे। जूनियर में संधि, लोकोक्ति, वर्तनी आदि से संबंधित सवाल रहे।

इनका कहना है..

सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा हुई। दोनों पालियों में 93 फीसद उपस्थिति रही है, जो किसी भी परीक्षा में ज्यादा है। अभ्यर्थियों को पहले से निर्देश थे कि वह अपने साथ बीएड की मार्कशीट लेकर आएंगे। जिन्होंने उक्त निर्देश का पालन नहीं किया, ऐसे अभ्यर्थी ही परीक्षा से वंचित हुए।

गिरजेश कुमार चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक


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