ईज ऑफ लिविंग सर्वे, 300 सवालों के जवाब मंत्रालय के पोर्टल पर किए अपलोड Meerut News
केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों जैसी सेवाएं और सुविधाएं मेरठ भी में है। यह दावे करते 300 सवालों के जवाब नगर निगम ने मंत्रालय पोर्टल पर अपलोड कर दिए।
मेरठ, जेएनएन। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों जैसी सेवाएं और सुविधाएं मेरठ भी में है। यह दावे करते 300 सवालों के जवाब नगर निगम ने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के पोर्टल पर अपलोड कर दिए। अब केवल सिटीजन फीडबैक बचा है। जो 29 फरवरी तक चलेगा। नगर निगम का दावा है कि अगर सिटीजन फीडबैक लोगों ने सकारात्मक और 50 हजार से अधिक दिया तो केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों जैसे बजट का हकदार मेरठ भी हो सकता है।
सर्वे में दो तरह की जानकारी
केंद्र सरकार देशभर के 117 शहरों के बीच ईज ऑफ लिविंग सर्वे करा रहा है। जिसमें मेरठ भी प्रतिभाग कर रहा है। इस सर्वे में दो तरह से रिपोर्ट जुटाई जा रही है। एक रिपोर्ट ऑनलाइन सिटीजन फीडबैक के जरिए सीधे जनता से प्राप्त की जा रही है और दूसरी रिपोर्ट में शहर में मौजूद सेवाओं और सुविधाओं का ब्यौरा दस्तावेज के साथ नगर निगम से मांगा गया है। गुरुवार को नगर निगम ने दस्तावेज के साथ मांगी गई रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी है। जो शहर की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत करते हैं। निगम ने यह रिपोर्ट जिला प्रशासन, एमडीए, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग, पुलिस, यातायात, परिवहन विभाग, बिजली कंपनी समेत लगभग सभी विभागों से ये जवाब लेकर अपलोड की है। नगर आयुक्त ने बताया कि पोर्टल पर अपलोड की गई रिपोर्ट में 300 सवालों के जवाब शामिल हैं।
पोर्टल पर हैं ये जानकारियां
रिपोर्ट में शहर में पेयजल की स्थिति, बिजली नेटवर्क, आबादी और शहर में सरकारी जमीनों की स्थिति, सीवरेज नेटवर्क, मेट्रो और रैपिड रेल, बस व रेलवे परिवहन, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, शहर में शैक्षणिक संस्थान व शिक्षा स्तर, चिकित्सीय संस्थान व उपलब्ध संसाधन जैसे ट्रॉमा सेंटर की सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा वृद्धा आश्रम, नारी निकेतन, सिनेमा हाल, मॉल, पूरे शहर में सड़कों नेटवर्क, फुटपाथ, डिवाइडर, मार्ग प्रकाश व्यवस्था, कचरा निस्तारण, कितने हाईवे, मॉडल पार्क जैसे सुविधाओं की भी जानकारी भेजी गई है।
गुणवत्ता को लेकर प्रतिस्पर्धा
खास बात ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कितने लोगों ने मतदान किया है। यह जानकारी भी मांगी गई थी। नगर आयुक्त ने कहा कि सर्वे में शहरों में मौजूद सेवाओं और सुविधाओं की गुणवत्ता को लेकर प्रतिस्पर्धा होगा। यह गुणवत्ता का मानक केंद्र सरकार तय करेगी। नगर आयुक्त डॉ. अरविदं चौरसिया ने कहा कि सिटीजन फीडबैक में शहरी सेवाओं व सुविधाओं से जुड़े 24 सवालों के जवाब जनता से पूछे जाते हैं। लोग सकारात्मक जवाब देंगे तो 117 शहरों की रैकिं ग में मेरठ आगे बढ़ेगा।
कॉल करके चेक किया
इससे केंद्र की स्मार्ट सिटी में शामिल उन शहरों से मेरठ आगे निकल सकता है जो परफार्म नही कर पा रहे हैं। ऐसा होने पर मेरठ को उन शहरों को मिलने वाली ग्रांट केंद्र से मिल सकती है। इसलिए जरूरी है कि जो वोट दें वे शहर के पक्ष में अधिक पड़ें। इस फीडबैक में जो लोग भाग ले रहे हैं उनके मोबाइल नंबर पर कॉल करके चेक किया जाता है। इसलिए सर्वे में वोट प्रतिशत नहीं बढ़ सका है। नगर निगम इसके लिए प्रचार-प्रचार कर रहा है।
लोगों ने दिया अपना फीडबैक
गुरुवार को शहर के लोगों ने समय निकाला और ईओएल2019.ओआरजी सिटीजन फीडबैक लिंक पर जाकर अपना फीडबैक दिया। जिससे मेरठ के खाते में 2545 वोट पड़ चुके हैं। अर्थात इतने लोग फीडबैक दे चुके हैं। बता दें कि मेरठ को सिटीजन फीडबैक में लक्ष्य 14587 का दिया गया है। जिसके सापेक्ष 17 फीसद वोट अभी तक पड़े हैं। जबकि बुधवार को यह आंकड़ा 1748 तक ही पहुंचा था। ऑनलाइन सिटीजन फीडबैक 29 फरवरी तक लोग दे सकते हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि अगर शहर के लोग चाहते हैं कि केंद्र की स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों जैसा बजट मेरठ को भी मिले तो उन्हें कम से कम 50,000 फीडबैक देना होगा। 20 लाख की आबादी के लिए यह आंकड़ा ज्यादा नहीं है। बस इच्छाशक्ति की जरूरत है।
क्या है ईज ऑफ लिविंग सर्वे
केंद्र सरकार ने यह सर्वे शुरू किया है। आम नागरिकों के रहने लायक बेहतर है या नहीं। इससे निर्धारण होगा। इसमें शिक्षा,स्वास्थ्य, बिजली, पानी, परिवहन समेत सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता क्या है यह देखी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी वाले शहर तो हैं हीं, प्रदेश से राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल मेरठ, गाजियाबाद और रायबरेली भी प्रतिभाग कर रहे हैं।