Sakat Chauth 2022: सकट चौथ पर संतान के लिए महिलाओं ने रखा व्रत, कोरोना के खात्मे की भी दुआ
Meerut Moonrise Time Today संतान की लंबी आयु और घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए आज शुक्रवार को महिलाओं ने व्रत रखा और शाम के समय पूजा अर्चन भी की जाएगी। वेस्ट यूपी में यह व्रत भावपूर्ण तरीके से मनाया जा रहा है।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। आज पूरे वेस्ट यूपी में सकट चौथ मनाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज शुक्रवार को सकट चौथ का व्रत रखा गया। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने सुबह सुबह मंदिरों में जाकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। टीटू शर्मा, आकाश त्यागी, अक्षत आदि ने सकट चौथ पर गणेशजी की वंदना करते हुए देश भर से कोरोना रूपी संकट के खात्मे की दुआ मांगी। शाम के लिए चंद्रोदय के दर्शन के बाद आज महिलाएं अपना व्रत खोलेंगी।
यह है मान्यता
पंडित विवेक मनी ने बताया कि सकट चौथ में माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए दिन में उपवास रखती हैं। मान्यता है कि सकट चौथ का व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। दिन भर उपवास रखने के बाद शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को जल अर्पित कर व्रत खोलते हैं।
संतान की दीर्घायु व्रत
मेरठ : आज सकट चौथ है। इसे संकष्टी चतुर्थी या तिलकुट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। माघ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को इसे मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत रखकर मां पार्वती ने अपने पुत्र गणेश के लिए मंगलकामना की थी। तभी से महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य व जीवन में सुख समृद्धि की कामना के लिए संकट चौथ का व्रत रखती हैं। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। संकट हरने के लिए गणपति से अर्चना होती है। उन्हें विशेष तौर पर तिल के मोदक चढ़ाए जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी पर पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय चंद्रोदय दर्शन के बाद चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत का पारण होता है।