Omicron Strain: मेरठ में ओमिक्रोन से निपटने के लिए माइक्रो प्लान, आक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटरों की टेस्टिंग
Omicron Strain मेरठ में भी ओमिक्रोन को लेकर सतर्कता शुरू हो गई है। सीएमओ डा. अखिलेश ने शहर के कई वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मीटिंग कर नए वैरिएंट से निपटने की योजना बनाई। आक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटरों की जांच पड़ताल भी की गई।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से हाहाकार मच गया था। अब ओमिक्रोन वैरिएंट की दस्तक से प्रशासन ने एक बार फिर आक्सीजन प्लांटों का नट-बोल्ट कसा है। पिछले तीन दिनों में सरकारी एवं निजी अस्पतालों में लगाए गए प्लांटों एवं कंसंट्रेटरों की जांच-पड़ताल की जा रही है। प्लांट को संचालित कर देखा जा रहा है कि आपात स्थिति में आक्सीजन की स्थिति सुधरेगी या नहीं।
तब मची थी तबाही
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना 2019 में दुनिया में संक्रमित हुआ। मेरठ में 26 मार्च 2020 को पहला केस मिला। मई-जून एवं जुलाई के बाद सितंबर-अक्टूबर में वायरस ने बड़ी तबाही मचाई। दूसरी बार संक्रमण अप्रैल से जून 2021 तक चला, जब एक-एक दिन में जिले में बीस से ज्यादा ने दम तोड़ा। आक्सीजन का भारी संकट खड़ा हुआ।
सांस का संकट
आक्सीजन, हाई फ्लो नेजल कैनुला एवं वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों के लिए सांस का संकट खड़ा हुआ। लेकिन प्रशासन की सतर्कता देखते हुए मेडिकल कालेज में दो, जिला अस्पताल, सुभारती, एनसीआर मेडिकल कालेज में एक-एक प्लांट लगाया गया। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन प्लांटों का शुभारंभ किया जा चुका है।
यह है स्थिति
- मेरठ में 27 कुल आक्सीजन प्लांट। 12 सरकारी एवं 17 प्राइवेट में।
- मंडल में कुल 92 अक्सीजन प्लांट
- मेरठ में 591 आक्सीजन कंसंट्रेटर
सीएमओ ने आइएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ बनाई योजना
ओमिक्रोन ने चिंता बढ़ा दी है। सीएमओ डा. अखिलेश ने शुक्रवार को आइएमए अध्यक्ष डा. रेनू भगत, डा. तनुराज सिरोही, डा. शिशिर जैन, डा. वीरोत्तम तोमर एवं डा. अंबेश पंवार समेत कई अन्य चिकित्सकों के साथ मीटिंग कर नए वैरिएंट से निपटने की योजना बनाई। सीएमओ ने उनसे इलाज के लिए तैयार रहने वाले निजी अस्पतालों की सूची मांगी, साथ ही टारगेटेड सैंपलिंग में सहयोग करने की भी अपील की। उधर, आइएमए के डाक्टरों ने कहा कि इस बार आक्सीजन एवं दवा की कमी न होने पाए।